लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना काल में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के सरकार के फैसले को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह नहीं है। यादव ने कहा कि जेईई और नीट परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिये परिवहन की व्यवस्था और रहने खाने का इंतजाम सरकार को करना चाहिये।
भाजपा के खिलाफ खुले पत्र में यादव ने लिखा कि बीजेपी हास्यास्पद और तर्कहीन बातें फैलायी जा रही हैं कि जब लोग अन्य कामों से घर से बाहर निकल रहे हैं। तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते?
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उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कहने वालों को पता होना चाहिये कि लोग मजबूरी में घरों के बाहर निकल रहे हैं, जबकि सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें घर से बाहर निकलने पर विवश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने निकले किसी परीक्षार्थी अथवा अभिभावक को कोरोना संक्रमण हो जाता है। उनके संपर्क में आये घर के बुजुर्ग भी संक्रमित हो जाते हैं। तो क्या सरकार उसकी कीमत चुकायेगी।
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना और बाढ़ की वजह से ट्रेन बसें बाधित हैं। बाहर रहने और खाने की बेहद दिक्कत है। ऐसे मे अगर परीक्षा कराई जाती हैं तो छात्रों के आने जाने, रहने और खाने पीने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार समझ चुकी है कि बेरोजगारी से त्रस्त युवा और बाढ काेरोना से रोजी रोजगार गंवा चुका मध्यम वर्ग उसे वोट नहीं देगा। यही कारण है कि सरकार युवाओं से बदला ले रही है। वह अच्छी तरह जानती है कि सत्ता में वह दोबारा नहीं लौटेगी। उन्होने नारा दिया “ जान के बदले एग्ज़ाम, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।