नई दिल्ली| भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक प्रो वी राम गोपाल राव ने जेईई मेन व एडवांस का आयोजन स्थानीय भाषा में कराने की वकालत की है। इस संबंध में उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर एक निजी पोस्ट लिखी हैं। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनका मानना है कि जिन छात्रों ने स्थानीय भाषा में अपनी स्कूल की पढ़ाई की है उनके लिए जेईई स्थानीय भाषा में होनी चाहिए।
ऐसे छात्र जब परीक्षा में सफल होने के बाद आईआईटी में दाखिला ले लेते हैं, वहां स्टडी हेल्प ग्रुप के सहयोग से उन्हें अंग्रेजी सिखाई जा सकती है। उन्होंने लिखा है कि छात्र जितनी जल्दी अंग्रेजी सीख लेंगे उतना अच्छा होगा। इसके पीछे वजह यह है कि आईआईटी को राज्य स्तर के बजाय वैश्विक स्तर के प्रौद्योगिकीविद् तैयार करने हैं।
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आईआईटी दिल्ली निदेशक ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि भारत की तुलना जापान और जर्मनी से की जा रही है। जिसके तहत यह तर्क दिया जा रहा है कि जर्मनी और जापान में पढ़ाई स्थानीय भाषा में होती है।यह बताना जरुरी है कि वहां सिर्फ एक ही भाषा बोली जाती है। जबकि पूरे यूरोप के बराबर वाले भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं।
आईआईटी दिल्ली निदेशक ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि आईआईटी पहले सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में एक स्थानीय भाषा का पाठ्यक्रम भी पढ़ा सकते हैं। जिसके तहत आईआईटी दिल्ली में हिंदी को अपनाया जा सकता है।