• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जीवित्पुत्रिका व्रत आज, व्रती माताएं इन मुहूर्त में गलती से भी न करें पूजा

Desk by Desk
29/09/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म
0
Jivitputrika

Jivitputrika

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का अलग महत्व होता है। इनमें से खास जितिया व्रत भी है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका और जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।

यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि जितिया व्रत को माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना के लिए रखती हैं। इस बार यह व्रत 29 सितंबर को रखा जा रहा है। जानिए पूजन का समय और पूजन विधि-

जितिया व्रत का महत्व-

जितिया व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, निरोगी जीवन और खुशहाली के लिए रखती हैं। तीन दिनों तक चलने वाले जितिया व्रत का काफी महत्व है। वंश वृद्धि के लिए भी इस व्रत को उत्तम माना जाता है।

संतान सुरक्षा के लिए जितिया व्रत आज, भोलेनाथ ने माता पार्वती को बताया था महत्व

इन मुहूर्त में न करें पूजन-

राहुकाल- दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक।

यमगंड- सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक।

गुलिक काल- सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक।

दुर्मुहूर्त काल- दोपहर 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक।

जितिया व्रत पूजन विधि-

सुबह स्नान करने के बाद व्रती प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीपकर साफ कर लें।

इसके बाद वहां एक छोटा सा तालाब बना लें।

तालाब के पास एक पाकड़ की डाल लाकर खड़ाकर कर दें।

अब शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुशनिर्मित मूर्ति जल के पात्र में स्थापित करें।

अब उन्हें दीप, धूप, अक्षत, रोली और लाल और पीली रूई से सजाएं।

अब उन्हें भोग लगाएं।

अब मिट्टी या गोबर से मादा चील और मादा सियार की प्रतिमा बनाएं।

दोनों को लाल सिंदूर अर्पित करें।

अब पुत्र की प्रगति और कुशलता की कामना करें।

इसके बाद व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

व्रत पारण का समय-

जीवित्पुत्रिका व्रत रखने वाली माताएं 30 सितंबर को सूर्योदय के बाद दोपहर 12 बजे तक पारण करेंगी। मान्यता है कि जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण दोपहर 12 बजे तक कर लेना चाहिए।

Tags: jivitputrika 2021jivitputrika importancejivitputrika kathajivitputrika pujaJivitputrika Vrat news
Previous Post

संतान सुरक्षा के लिए जितिया व्रत आज, भोलेनाथ ने माता पार्वती को बताया था महत्व

Next Post

सिरदर्द से राहत पाने के लिए 3 प्रभावी योगासन

Desk

Desk

Related Posts

UPSC NDA-CDS 1
Main Slider

UPSC NDA-CDS 1 फाइनल रिजल्ट घोषित, आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करें नाम

12/10/2025
P Chidambaram
Main Slider

चिदंबरम बोले- ऑपरेशन ब्लू स्टार की भारी कीमत चुकानी पड़ी इंदिरा गांधी को

12/10/2025
Tej Pratap Yadav
Main Slider

तेज प्रताप का डिजिटल धमाका, तेजस्वी OUT, सिर्फ मां-पिता IN!

12/10/2025
Taliban Foreign Minister Amir Khan Muttaqi
Main Slider

‘ताज’ देखने की तमन्ना अधूरी, मुत्ताकी का आगरा दौरा रद्द

12/10/2025
stuffed bell peppers
फैशन/शैली

चाय का स्वाद बढ़ा देगी मिर्च की ये चटपटी रेसिपी

12/10/2025
Next Post

सिरदर्द से राहत पाने के लिए 3 प्रभावी योगासन

यह भी पढ़ें

बाहुबली अतीक अहमद के करीबी शूटर तोता की 14 करोड़ रूपए की सम्पत्ति कुर्क

11/06/2021
Ram

राममंदिर की फर्श मकराना के संगमरमर से सजेगी, निर्माण की तैयारी तेज

19/06/2023

एसएसबी ने ग्रामीणों में वितरित किया तिरंगा झण्डा

09/08/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version