• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सिर्फ 5 बातें चाणक्य से सीख लीं तो दुनिया की कोई ताकत आपको हरा नहीं सकती

Writer D by Writer D
06/09/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
chanakya

chanakya

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आचार्य चाणक्य के पिता का नाम चणक था। चणक का पुत्र होने के कारण उन्हें चाणक्य कहा गया। उनका जीवन बहुत ही कठिन और रहस्यों से भरा हुआ है। उन्होंने ही अर्थशास्त्र, कामसूत्र जैसे ग्रंथ लिखे हैं। तमाम विपरित परिस्थितियों में भी उन्होंने किस तरह खुद को बचाया और इस राष्ट्र को एकछत्र के नीचे लाकर एकसूत्र में बांधा। उनसे बहुत कुछ सिखा जा सकता है परंतु हम यहां पांत्र 5 ऐसी बातें बता रहे हैं जिसमें उनके जीवन का सार छुाप है। आपने ये 5 गुण सीख लिए तो शर्तिया आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता और आप जीवन में कभी हारेंगे नहीं।

1. एक अनाथ बालक का साहस और प्रतिशोध : चाणक्य के पिता चणक को मगध के सम्राट के आदेश पर चणक का कटा हुआ सिर राजधानी के चौराहे पर टांग दिया गया। अपराध था विलासी राजा को राज्य के प्रति जागृत करना। पिता के कटे हुए सिर को देखकर कौटिल्य (चाणक्य) की आंखों से आंसू टपक रहे थे। उस वक्त चाणक्य की आयु 14 वर्ष थी। रात के अंधेरे में उसने बांस पर टंगे अपने पिता के सिर को धीरे-धीरे नीचे उतारा और एक कपड़े में लपेट कर चल दिया। अकेले पुत्र ने पिता का दाह-संस्कार किया। तब कौटिल्य ने गंगा का जल हाथ में लेकर शपथ ली- ‘हे गंगे, जब तक हत्यारे धनानंद से अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध नहीं लूंगा तब तक पकाई हुई कोई वस्तु नहीं खाऊंगा।

2. अध्ययन के प्रति जुनून : धनानंद से बचने के लिए कौटिल्य ने अपना नाम बदलकर विष्णु गुप्त रख लिया। एक विद्वान पंडित राधामोहन ने विष्णु गुप्त को सहारा दिया। राधामोहन ने विष्णु गुप्त की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें तक्षशिला विश्व विद्यालय में दाखिला दिलवा दिया। यह विष्णु गुप्त अर्थात चाणक्य के जीवन की एक नई शुरुआत थी। तक्षशिला में चाणक्य ने हर तरह की शिक्षा ग्रहण की और खूब मना लगाकर पढ़ाई की क्योंकि वह जानते थे कि शिक्षा और विद्वता ही मुझे बचा सकती है। चाणक्य ने अपने ज्ञान से बड़े बड़े विद्वानों को प्रभावित किया।…

3. संपर्क और संबंधों का विस्तार : चाणक्य के मन में अपनी प्रतिज्ञा और प्रतिशोध गहरे तक जमा हुआ था। वे उसे कभी भूले नहीं थे कि उनके पिता के साथ क्या हुआ है और उनका लक्ष्य क्या है। तक्षशिला में चाणक्य ने न केवल छात्र, कुलपति और बड़े-बड़े विद्वानों को अपनी ओर आकर्षित किया बल्की उसने पड़ोसी राज्य के राजा पोरस से भी अपना परिचय बढ़ा लिया। चाणक्य ने अपनी विद्वता से मगध के सभी पड़ोसी राज्यों के राजाओं से संपर्क और राज्य में जनता से संबंध बढ़ा लिए थे जिसके चलते उनकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फैल गई थी।

4. शक्ति बटोरने के बाद लक्ष्य की ओर पहला कदम : सिकंदर की हार और तक्षशिला पर सिकंदर के प्रवेश के बाद चाणक्य अपने गृह प्रदेश मगध चले गए और यहां से प्रारंभ हुआ उनका एक नया जीवन। उन्होंने विष्णुगुप्त नाम से शकटार से मुलाकात की। पिता का मित्र शकटार, जो अब बेहद ही वृद्ध हो चला था। चाणक्य ने देखा कि मेरे राज्य की क्या हालत कर दी है घनानंद ने। उधर, विदेशियों का आक्रमण बढ़ता जा रहा है और इधर ये दुष्ट राजा नृत्य, मदिरा और हिंसा में डूबा हुआ है। एक बार विष्णु गुप्त भरीसभा में पहुंच गए।

5. अपनी खुद की टीम बनाओ और जीत लो दुनिया : बाद में चाणक्य फिर से शकटार से मिलते हैं और तब शकटार बताते हैं कि राज्य में कई असंतोषी पुरुष और समाज है उनमें से एक है चंद्रगुप्त। चंद्रगुप्त मुरा का पुत्र है। किसी संदेह के कारण धनानंद ने मुरा को जंगल में रहने के लिए विवश कर दिया था। अगले दिन शकटार और चाणक्य ज्योतिष का वेश धरकर उस जंगल में पहुंच गए, जहां मुरा रहती थी और जिस जंगल में अत्यंत ही भोले-भाले लेकिन लड़ाकू प्रवृत्ति के आदिवासी और वनवासी जाति के लोग रहते थे। वहां चाणक्य ने चंद्रगुप्त को राजा का एक खेल खेलते हुए देखा। तब चाणक्य ने चंद्रगुप्त को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और फिर शुरु हुआ चाणक्य का एक और नया जीवन।

Tags: chanakyachanakya policyChanakya's LifeHistoryKautilyaMagadha Emperor DhananandaMotivationmotivational storyTeamworkइतिहासकौटिल्यचाणक्यचाणक्य का जीवनचाणक्य नीतिटीम वर्कमगध सम्राट धनानंदमोटिवेशन"मोटिवेशनल स्टोरी
Previous Post

इस आईलेंड पर पुरुषों का जाना है मना, सिर्फ महिलाएं करती है फुल एंजॉय

Next Post

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं इस रंग के पर्दे, दूर होंगी सभी बाधाएं

Writer D

Writer D

Related Posts

Corn Paratha
खाना-खजाना

ब्रेकफास्ट में शामिल करें कॉर्न पराठा, स्वाद के साथ मिलेगी सेहत

02/11/2025
kaju sabji
Main Slider

मेहमानों को सर्व करें काजू की सब्जी, सभी करेंगे आपकी तारीफ

02/11/2025
noodle cutlets
खाना-खजाना

स्नैक्स में बनाएं नूडल कटलेट, बढ़ जाएगा शाम की चाय का स्वाद

02/11/2025
Besan Gatte
Main Slider

आज बनाएं ये स्पेशल राजस्थानी सब्जी, देखें रेसिपी

02/11/2025
Hair
फैशन/शैली

सोने से पहले ये काम करना बालों के लिए होता है खतरनाक

02/11/2025
Next Post
vastu tips

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं इस रंग के पर्दे, दूर होंगी सभी बाधाएं

यह भी पढ़ें

सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया

23/11/2021
Terrorists

बांडीपोरा व अनंतनाग में मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

11/10/2021
murder

संभल : पति का शव साथ लेकर लौटी विवाहिता, परिजनों को हत्या की आशंका

09/11/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version