हिंदू धर्म में हर माह की कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। मार्च माह की शुरुआत आज से हो गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फिलहाल फाल्गुन माह चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि कालाष्टमी (Kalashtami) पर भगवान काल भैरव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और रोग, दोष, काल, शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है। आपको बता दें कि भगवान काल भैरव को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।
जानें कब है कालाष्टमी (Kalashtami)
फाल्गुन माह की कालाष्टमी (Kalashtami) 3 मार्च 2024 रविवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 3 मार्च को ही उदया तिथि के अनुसार, भानु सप्तमी और शबरी जयंती भी मनाई जाएगी। कालाष्टमी के दिन तांत्रिक, अघोरी गुप्त रूप से काल भैरव की पूजा कर करके अलौकिक सिद्धियां प्राप्त करती है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 मार्च 2024 को सुबह 08.44 बजे शुरू होगी और 4 मार्च 2024 को सुबह 08.49 बजे खत्म होगी।
कालाष्टमी व्रत (Kalashtami) का पौराणिक महत्व
भगवान काल भैरव को शिव जी का ही रूप माना जाता है। भगवान काल भैरव की आराधना करने से व्यक्ति को जीवन में कभी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है। विधि-विधान से पूजा करने से घर में खुशियों का आगमन होता है। इस दिन पूजा के दौरान काल भैरव को मीठी रोटी का भोग लगाएं। साथ ही काले कपड़े, जूते, चप्पल, सरसों का तेल और काजल का दान करना चाहिए।