उत्तर प्रदेश में कलराज मिश्र और कल्याण सिंह की जोड़ी की मिसाल दी जाती रही है। उन्हें याद करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कल्याण सिंह यारबाज आदमी थे। उनसे जो भी मिल लेता, वह उन्हीं का हो जाता था। आरंभ से ही आत्मीयता के साथ छोटे भाई सा स्नेह उन्होंने मुझे दिया। उनसे जो अटूट नाता बना, अंत तक वह वैसा ही बना रहा।
उन्होंने कहा कि कई बार कल्याण सिंह अक्सर लोगों से तब कहा करते थे कि कलराज रहेगा, तभी तो कल्याण होगा। मेरे लिए उनका यह कहा आज भी किसी सौगात से कम नहीं है। उन्होंने सदा शुचिता और पारदर्शिता की राजनीति की।
वर्ष 1991 में जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी हुआ करते थे तब यह प्रश्न उठा था कि उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए। मैं तब उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष था। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए अचानक अटल बिहारी वाजपेयी का नाम उठा।
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मैंने कहा कि मैं अटलजी के अंदर भविष्य के प्रधानमंत्री की छवि देखता हूं। उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। बाद में ऐसा ही हुआ भी। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और अटल जी बाद में देश के प्रधानमंत्री बने।
उन्होंने भरे गले और विगलित नेत्रों से कहा कि कल्याण सिंह जैसा मिलनसार, ईमानदार और नियम—कानून के प्रति दृढ़ व्यक्ति विरले ही पैदा होते हैं। उनका जाना मेरे अपने जीवन की सबसे बड़ी क्षति है।