कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन होता है। इस साल यह व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा। क्योंकि एक दिन पहले एकादशी रात में शुरू हो रही है। इस व्रत में सुबह सबसे पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रवि का संयोग बन रहा है। इस साल एकादशी योग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से लाभ मिलता है और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। कामदा एकादशी पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यह संयोग बहुत खास माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। इस योग में किया गया कार्य सफल होता है।
एकादशी (Kamada Ekadashi) तिथि
इस साल कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) उदया तिथि के अनुसार 8 अप्रैल को रखी जाएगी। इस साल कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा। 8 अप्रैल को 9 बजकर 12 मिनट तक एकादशी तिथि है। इसके बाद 9 अप्रैल को एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। पारण करने के लिए समय सुबह 6 बजकर सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक हो जाना चाहिए।
एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत का पारण कैसे करें
एकादसी (Kamada Ekadashi) का व्रत रखने के बाद अगले दिन द्वादशी पर सुबह व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति का अभिषेक पंचामृत से कराया जाता है। इसके बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।
एक तरफ जहां एकादशी व्रत पर चावल नहीं खाए जाते हैं, लेकिन पारण करते समय द्वादशी पर चावल से ही व्रत खोला जाता है। पारण करने के बाद मंदिर में या किसी गरीब को भोजन की थाली दें। इस दिन तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।