कार्तिक मास (Kartik Maas) वह पवित्र महीना है जिसमें भक्त अपने परिवार की भलाई के लिए भगवान विष्णु या दामोदर से प्रार्थना करते हैं। इस मास में संत और गृहस्थ सभी आध्यात्मिक जागृति में संलग्न होने का प्रयास करते हैं। इस बार 29 अक्टूबर से कार्तिक मास आरंभ हो रहा। हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत अधिक महत्व है।
इस माह में भगवान विष्णु जी के साथ ही तुलसी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस माह में गंगा स्नान, दीपदान एवं यज्ञ आदि करने का विधान है।
29 अक्टूबर, रविवार को कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के साथ शुरू हो रहे कार्तिक मास (Kartik Maas) में पंच दिवसीय दीपावली का पर्व, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा के महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं। इतना ही नहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख समाज की पहले पातशाही गुरु नानक देव जी महाराज का जन्मदिन भी मनाया जाता है।
स्कंद पुराण में कार्तिक महीने (Kartik Maas) के महत्त्व को बताते हुए कहा गया है कि जिस तरह से वेद के समान कोई शास्त्र, गंगा के समान कोई तीर्थ और सतयुग के समान कोई युग नहीं है।
उसी तरह कार्तिक मास (Kartik Maas) के समान कोई माह नहीं होता। माना जाता है कि, इस माह में पवित्र नदियों मे स्नान करने और दान-पुण्य करने से जीवन में किए गए पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को सुख-शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है।