नवंबर की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के नाम से जाना जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी मां की पूजा-उपासना करने से घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य भी दिया जाता है। आइए जानते हैं कार्तिक महीने की पूर्णिमा की डेट, शुभ मुहूर्त, और पूजा-विधि-
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि नवम्बर 15, 2024 को सुबह 06:19 बजे से प्रारम्भ हो रही है, जिसकी समाप्ति नवम्बर 16, 2024 को 02:58 ए एम पर होगी। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मान्य होगी। इस दिन चन्द्रोदय का समय शाम 04:51 बजे रहेगा।
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पूजा-विधि
– पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
– भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें
– माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
– अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
– मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
– संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
– कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) की व्रत कथा का पाठ करें
– श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
– पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
– माता को खीर का भोग लगाएं
– चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें
– अंत में क्षमा प्रार्थना करें
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का महत्व:
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन गंगा स्नान स्नान और दान करने का खास महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन चंद्र देव और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किया जाता है।