सनातन धर्म में सुहागिन महिलाएं करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन अमर सुहाग का वरदान माता पार्वती और भगवान शिव से मांगती है। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। वे चंद्रमा को साक्षी मानकर आराधना करती हैं। माता पार्वती से व्रती महिलाएं यह आशीर्वाद मांगती हैं कि जिस तरह सति सवित्री का सुहाग अमर हो गया, ठीक उसी तरह उनका भी सुहाग अमर रहे।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था। चंद्रमा को आयु वृद्धि का कारक माना जाता है, इसलिए चंद्रमा की पूजा से दीर्घायु होने का वरदान मिलता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और चांद निकलने के बाद ही पति के हाथ से जल ग्रहण करती हैं। तो यहां जानिए करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।
चतुर्थी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से होगा। चतुर्थी तिथि का समापन 21 अक्तूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार के दिन रखा जाएगा।
करवा चौथ (Karwa Chauth) पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 46 मिनट से शाम 7 बजकर 2 मिनट तक
व्रत का समय
करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत का समय सुबह 6 बजकर 25 मिनट से शाम 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
चंद्रोदय
चंद्रोदय की बात करें तो 20 अक्टूबर को करवा चौथ का चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट का रहेगा।