व्रत उपवास की श्रंखला में सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत विशेष महत्व रखता है। मान्यता है करवा चौथ का व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती से अखंड सौभाग्य का आर्शिवाद मिलता है। करवा चौथ के व्रत का पालन करने के लिए सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। शाम को चंद्रमा के दर्शन करने और अर्घ्य देने के बाद अपने पति का चेहरा देख कर के व्रत खोलती हैं। वहीं करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन पौधे लगाने का भी विशेष महत्व माना गया है।
इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट से हो रही है। यह तिथि अगले दिन 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।
स बार करवा चौथ की पूजा (Karwa Chauth) का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 05.44 मिनट से रात 07.02 तक है। व्रती को पूजन के लिए 1 घंटे 17 मिनट का समय मिलेगा।