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शिवभक्ति में डूबी काशी, हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हुआ बाबा का दरबार

baba vishwanath

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सावन माह के दूसरे सोमवार पर काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में आस्था की अखंड जलधार बहती रही। बाबा का झांकी दर्शन कर श्रद्धालु आह्लादित होते रहे। श्रद्धालुओं ने घर परिवार में सुख शान्ति के साथ वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति दिलाने की गुहार भी बाबा विश्वनाथ से लगाई। दरबार में मंगला आरती से पूर्वाह्न दस बजे तक 40 हजार से अधिक श्रद्धालु हाजिरी लगा चुके थे। इस दौरान मंदिर परिक्षेत्र हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से गुंजायमान रहा।

दरबार में जाने के लिए शिवभक्त रविवार की देर शाम से ही बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगे। जैसे—जैसे रात गहराती गई श्रद्धालुओं के आने का क्रम भी जारी रहा। बाबा की एक झलक पाने के लिए कतारबद्ध श्रद्धालुओं का उत्साह आसमान छू रहा था। कतार में घंटों खड़े रहने के बावजूद थकावट, उमस, भूख प्यास पर आस्था भारी थी। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर बाबा के प्रति अनुराग जता रहे थे। भोर में मंगलाआरती के बाद मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुला तो सुरक्षा बलों के जवानों के साथ पुलिस कर्मियों ने कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए मंदिर परिसर में शिवभक्तों को प्रवेश दिया।

सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने के लिए आगाह भी करते रहे। कतारबद्ध श्रद्धालु मुंह पर मास्क पहने भी नजर आए।

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काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि परिसर में स्टील की बैरिकेडिंग में रेड कार्पेट से मंदिर तक आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एलईडी स्क्रीन में बाबा के दर्शन-पूजन की व्यवस्था की गई है। कोरोना महामारी को देखते हुए हर 6 घंटे पर मंदिर में सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी चारों प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रवेश के लिए ए, बी, सी, डी नाम से चार गेट बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक भेजा जा रहा है। श्रद्धालुओं को गेट-ए से प्रवेश करने के बाद गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था दी गई है। बांसफाटक से ढुंढिराज गली होकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट-डी से प्रवेश दिया जा रहा है। ये श्रद्धालु गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से दर्शन व जलाभिषेक कर रहे है। सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह के दक्षिणी द्वार से आ रहे है। वीआईपी, वीवीआईपी व सुगम दर्शन के टिकटधारी गेट-सी से प्रवेश कर गर्भगृह के उत्तरी द्वार से दर्शन पूजन कर रहे है।

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उन्होंने बताया कि परंपरानुसार सावन के दूसरे सोमवार पर मंदिर के गर्भगृह में अपरान्ह बाद श्री काशी विश्वनाथ की माता पार्वती के साथ (शिवशक्ति स्वरूप में) विशेष झांकी सजाई जाएगी। उसके बाद बाबा का विशेष श्रृंगार भी किया जाएगा।

इसके पहले बाबा के विग्रह को परम्परानुसार विधि विधान से पंचामृत स्नान कराया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य श्रृंगार कर मंगला आरती के बाद मंदिर का पट शिवभक्तों के लिए खुल गया। इसके साथ ही श्रद्धा की कतार दरश परश जलाभिषेक के लिए दरबार में उमड़ पड़ी। कोरोना संकट काल के बावजूद लोगों ने पूरे श्रद्धा और विश्वास से बाबा के विग्रह का झांकी दर्शन किया। इस दौरान शिवभक्तों में बाबा के प्रति अपार आस्था दिखी। धूप और उमस के बावजूद श्रद्धालु हर—हर महादेव के उद्घोष से मंदिर परिक्षेत्र को गुंजायमान किये रहे। कतारबद्ध शिवभक्तों की सेवा में सामाजिक संगठन, नागरिक सुरक्षा संगठन के साथ सपा, भाजपा के कार्यकर्ता जगह—जगह जुटे रहे। कतारबद्ध भक्तों का आपसी प्रेम देख विदेशी पर्यटक चकित थे। इस दृश्य को वे अपने कैमरे में कैद करने के लिए लगातार फ्लैश चमकाते रहे और शिवभक्तों के साथ हर हर महादेव का उद्घोष कर खुशी जताते रहे।

उधर, शिवभक्तों के सुरक्षा की कमान पुलिस अफसरों ने संभाल रखी थी। पुलिस अफसर गोदौलिया चौराहे से लेकर मंदिर और गंगाघाट तक भारी फोर्स के साथ चक्रमण करते रहे। बताते चले,सावन का दूसरा सोमवार बेहद खास है। दूसरा सोमवार नवमी और कृत्तिका नक्षत्र में है। दूसरे सोमवार पर ही चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। जहां पर राहु पहले से ही विराजमान है। राहु और चंद्रमा से इस दिन ग्रहण योग का निर्माण भी हो रहा है। दूसरे सोमवार को ही बुधादित्य योग भी हैं। ऐसे में सावन मास का दूसरा सोमवार बेहद खास है। मान्यता है सावन के सोमवार पर शिव आराधना करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। उधर, दूसरे सोमवार को भी बाबा विश्वनाथ के प्रति श्रद्धाभाव से लोगों ने व्रत रखा। शिवालयों और घरों में रुद्राभिषेक कर सुख शान्ति वैभव के लिए बाबा से अर्जी लगाई गई।

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