श्रीनगर। श्रीनगर में बुधवार को ढेर हुए तीन दहशतगर्दों को मौत के घाट उतारा गया। और इसी संख्या के साथ इस साल सेना ने कुल 208 आतंकियों को मार गिराया है। इस साल भारतीय सेना ने 221 आतंकियों को मार गिराया। इसमें घाटी में मौजूद आतंकियों के साथ वह आतंकी भी शामिल हैं जो लाइन ऑफ कंट्रोल से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
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आतंकियों की तरफ से जम्मू-कश्मीर के युवाओं को बरगलाने की भी कोशिश जारी है। दक्षिण कश्मीर के जिन इलाकों में सेना ने सबसे बड़े ऐक्शन किए हैं, उनमें पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और श्रीनगर के हिस्से शामिल हैं। वहीं कश्मीर का गांदरबल जिला ऐसा रहा यहा इस साल कोई मुठभेड़ नहीं हुई है। बड़ी बात ये भी है कि श्रीनगर के बाहरी इलाकों में सेना ने कई बड़े अभियान चलाए हैं, जिसमें जैश और हिज्बुल के कई मोस्ट वॉन्टेड दहशतगर्द ढेर हुए हैं।
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इस साल 166 युवाओं ने आतंक की राह पकड़ी। हालांकि इसमें 45 से 50 पर्सेंट मारे जा चुके हैं और 16 पकड़े गए हैं और करीब 5 ने सरेंडर कर दिया। आतंकियों का ज्यादा रिक्रूटमेंट साउथ कश्मीर में हो रहा है। आर्मी ने कुछ वक्त पहले एक स्टडी की थी जिसके मुताबिक आतंक की राह पर जाने वालों में 30 पर्सेंट 16 से 20 साल के, 60 पर्सेंट 21 से 25 साल के और 10 पर्सेंट 26 साल या इससे ज्यादा उम्र के हैं।
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पिछले साल 153 आतंकियों का सफाया हुआ था और 2018 में 215, 2017 में 213 आतंकी मारे गए थे। श्रीनगर के लवायपोरा में तीन आतंकियों के अंत की इस कार्रवाई के साथ सेना ने जहां यहां बड़े पैमाने पर कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किए हैं, वहीं कई और इलाकों में आतंकियों की तलाश की जा रही है। आकंड़ों की बात करें तो साल 2020 में सेना ने अलग-अलग ऑपरेशंस में कुल 221 आतंकियों को मार गिराया है।