श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से टारगेट किलिंग (Target Killing) की बढ़ रही घटनाओं के बीच स्थानीय सरकार ने कश्मीर पंडितों (Kashmiri Pandits) की सुरक्षा को लेकर एक बेहद अहम कदम उठाया है। राजधानी श्रीनगर के कई इलाकों में तैनात 177 टीचरों का ट्रांसफर श्रीनगर मुख्यालय में कर दिया गया है। ये सभी टीचर्स कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit Teachers) हैं और उनकी सुरक्षा को देखते हुए उनका जिला मुख्यालय में तबादला कर दिया गया है या फिर समायोजन किया गया है। फिलहाल जम्मू में आज भी हिंदुओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।
कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग (Target Killing) में हुई वृद्धि के बीच, सरकार ने श्रीनगर के अलग-अलग इलाकों में तैनात 177 कश्मीरी पंडित टीचरों का तबादला कर दिया है। इन लोगों ने खुद को सुरक्षित जगहों पर ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी।
सरकार की ओर से यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय और प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाकर लगातार किए जा रहे हमलों के मद्देनजर अशांत केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद आई है।
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प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 2012 में नियुक्त किए गए कश्मीरी पंडित, राहुल भट की हत्या के बाद से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे सामूहिक पलायन का खतरा उत्पन्न हो गया है। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा में 12 मई को भट की उसके ही ऑफिस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भट की हत्या की घटना के मद्देनजर कई स्थानों पर करीब 6,000 कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है, जो उन्हें घाटी से बाहर ले जाने की मांग कर रहे हैं।
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इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में कल शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर चर्चा की गई। शाह ने केंद्र शासित प्रदेश की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। कश्मीर में आतंकी संगठनों, खासतौर पर लश्कर ए तैयबा द्वारा चुनिंदा तरीके से सिलसिलेवार हत्याएं किए जाने के मद्देनजर यह अहम बैठक बुलाई गई थी। मृतकों में गैर मुस्लिम, सुरक्षा कर्मी, एक कलाकार और स्थानीय निवासी शामिल हैं।