लाइफ़स्टाइल डेस्क। हमारी मान्यताओं, परम्पराओं में कहीं न कहीं, कोई वैदिक कारण जुड़ा होता है। रक्षाबंधन बहन भाई के प्यार का त्यौहार है, इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए भी कई परंपराएं साथ चली आ रही हैं। कहा जाता है कि पूजा की थाली में नौ चीजें सजाई जाएं तो नव ग्रहों का आह्वान होता है। बहन इन नौ ग्रहों से यह प्रार्थना करती है कि उसके भाई को अन्न धन लक्ष्मी के साथ दीर्घायु और शुभ फल देना।
सोमवार, 3 अगस्त को सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसी तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस बार सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। 3 तारीख को सुबह 7.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। पूर्णिमा पर पूजन के बाद अपने गुंरु का आशीर्वाद भी अवश्य लें।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि पूजा की थाली में 9 चीजें हो तो बेहतर रहता है। ये 9 चीजें नवग्रहों का आह्वान करती हैं। पूजा की थाली में बहन नौ ग्रहों की सामग्री द्वारा भाई की खुशहाली मांगती है। नौ ग्रहों से यह प्रार्थना करती है कि उसके भाई को अन्न धन लक्ष्मी के साथ दीर्घायु और शुभ फल देना। आइए जानते हैं इन 9 चीजों के बारे में।
कुमकुम:
बहन भाई को कुमकुम का तिलक लगाती है जो सूर्य ग्रह से मिलता है और दुआ करती है कि आने वाले साल में भाई को हर प्रकार का यश और ख्याति प्राप्त हो।
चावल-अक्षत:
पूजा में चावल को सबसे शुभ माना जाता है। बहन भाई को कुमकुम के तिलक के ऊपर चावल लगाती है जो कि शुक्र ग्रह से मिलता है और दुआएँ करती है कि ष्मेरे भाई के जीवन में हर तरह की शुभता आए और मेरा मेरे भाई से हमेशा प्रेम बना रहे।
नारियल:
इसको पूजा में श्रीफल कहा जाता है। यह राहु ग्रह से मिलता है। बहन जब भाई को श्रीफल देती है तो इसका अर्थ है कि आने वाले वर्ष में भाई को सभी प्रकार के सुख सुविधा के मिले।
मोली:
नारियल या श्रीफल पर मोली बांध कर रखना उचित माना गया है। मोली हमारे सभी पूजा विधानों में विशेष स्थान रखती है। मोली लाल रंग का धागा मात्र नहीं है, वो एक विश्वास का प्रतीक है कि ईश्वर हमारे साथ है।
रक्षा सूत्र राखी:
रक्षासूत्र हमेशा दाएँ हाथ की कलाई पर बांधा जाता है। यह मंगल ग्रह से मिलता है जो कहता है कि बहन की दुआएँ हैं कि उसके भाई सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मुश्किलों से उसकी रक्षा करें।
मिठाई:
बहन भाई को मिठाई खिलाती है जो कि गुरु ग्रह से मिलता है और दुआ करती है कि उसके भाई पर लक्ष्मी की कृपा रहे। भाई के संतान और वैवाहिक जीवन भी सुखद रहे। भाई के घर में सभी कार्य निर्विघ्न पूरे हों।
दीपक:
फिर बहन भाई की दीपक से आरती करती है जो शनि और केतु ग्रह से मिलता है और दुआएं करती है कि मेरे भाई के जीवन में आने वाले रोग और कष्ट सभी दूर हों।
जल से भरा कलश:
फिर जल से भरे कलश से भाई की पूजा करें जो कि चंद्रमा से मिलता है जिसमें बहन दुआएं करती है कि मेरे भाई के जीवन में मानसिक शांति हमेशा बनी रहे।
दूब या अशोका या पान का पत्ता:
ऊपर 8 चीजें बताई गई हैं जो 8 ग्रहों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। नवीं चीज है पानी के कलश में दूब या पान या अशोक का पत्ता। पान और अशोक के पत्ते को हमेशा पूजन सामग्री में शामिल किया जाता है। इन्हें शुभ का प्रतीक माना गया है।
ये तो थी वो चीजें जो बहन अपनी थाली में रखकर भाई की पूजा करती है। अब जिम्मेदारी भाई की भी है। बुध ग्रह को बहन का कारक ग्रह माना गया है। अब आप जो बहन को उपहार देंगे उससे आपका बुध ग्रह शुभ होकर फल देगा। कहते हैं बुध ग्रह जो आपके व्यापार से मिलता है अगर आपकी बहन या भाई की दुआएं मिल जाए तो आपके व्यापार में वृद्धि कर देता है। इसलिए हमेशा अपनी बहन को उसका मन मांगा उपहार देकर उनकी दुआएं लेते रहें।