लाइफस्टाइल डेस्क। नए साल के स्वागत में अब कुछ ही दिन शेष हैं, ऐसे में अधिकांश लोगों की इच्छा रहती है कि वे किसी ऐसे मंदिर जाकर साल की शुरुआत करें जहां से उनकी आस्था जुड़ी हो। भले ही कोरोनाकाल हो लेकिन यह तो तय बात है कि साल की शुरुआत में कई सारे लोग मंदिरों की ओर प्रस्थान करने वाले हैं क्योंकि ईश्वर के आगे कोरोना का डर लोगों को घर बैठने पर मजबूर कर दे, यह इतना आसान नहीं है।
लोगों का मानना रहता है कि मंदिर जाने से तो ईश्वर सारी समस्याएं दूर करते हैं लेकिन समस्या यह है कि नववर्ष के मौके पर कई सारे बड़े मंदिरों में दर्शनार्थियों को लूट लिया जाता है। अगली स्लाइड्स से जानिए कौनसी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बजट में इस वर्ष मंदिरों की यात्रा कर सकते हैं।
बड़े मंदिरों के बाहर बहुत सी दुकानों पर प्रसाद मिलता है। वे लोग आपके पीछे पड़ जाते हैं और मजबूरी वश प्रसाद आपको खरीदना पड़ता है लेकिन आपको कोशिश करनी होगी कि आप प्रसाद बेचने वालों को नजरअंदाज करें क्योंकि कोरोना के कारण अधिकांश मंदिरों में प्रसाद चढ़ ही नहीं रहा है और यदि आपको लगता है कि इतनी दूर आए हैं और प्रसाद भी नहीं लिया तो बेहतर होगा कि आप मंदिर के भीतर मंदिर प्रबंधन द्वारा दिया प्रसाद खरीदें।
आप यदि एक शहर से दूसरे शहर जा रहे हैं तब आपको दर्शन के लिए कहीं तो सामान रखना होगा तो इस बात का ध्यान रखें कि हर मंदिर में संबंधित प्रबंधन संस्था का लॉकर रूम होता है,लेकिन लोग जल्दबादी में किसी के भी कहने पर, कहीं भी सामान रख देते हैं। अक्सर लोग सामान उस दुकान पर रख देते हैं, जहां से वो प्रसाद वगैरह खरीद लेते हैं। परिणाम स्वरुप वे आप पर अन्य सामान लेने के लिए दबाव तो बनाते हैं ही। साथ ही आपको बड़ा भारी बिल भी बना देते हैं।
मंदिर के बाहर कई सारे लोग ऐसे खड़े रहते हैं जो तरह-तरह की कहानियां सुनाकर आपसे रुपये लेने की कोशिश करते हैं। यदि आप इनकी बातों में नहीं आते हैं तो ये आपको नकारात्मक बातें भी कहते हैं जैसे कि आपको बिजनेस में घाटा हो जाएगा, आप बीमार पड़ जाओगे। याद रखिए किसी के कहने से कुछ भी नहीं होता है इसलिए इनकी बातों में बिल्कुल भी न आएं और अपना काम पूरा करें।