केजरीवाल सरकार ने छह महीने बाद सार्वजनिक सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी फिर से शुरू कर दी है। कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च को इस सेवा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। सरकार ने परियोजना को चलाने के लिए 2018 में एक लोकप्रिय वीज़ा प्रोसेसिंग फर्म वीएफएस ग्लोबल के साथ तीन साल का अनुबंध किया था, जिसके तहत 100 प्रकार की सार्वजनिक सेवाओं को मोबाइल सहायकों के माध्यम से घर-घर पहुंचाया जाता है।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, वीएफएस ग्लोबल ने कहा, “हमने दिल्ली डोरस्टेप परियोजना की शुरुआत 1 सितंबर से दोबारा शुरू कर दी है। फिलहाल मोबाइल सहायकों और नागरिकों की सेहत-सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। डोरस्टेप डिलीवरी के लिए ग्राउंड स्टाफ एजेंसी को केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड -19 की दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
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इस योजना के तहत दिल्ली वाले ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर मैरिज सर्टिफिकेट जैसी 100 सेवाओं को अपने घरों में पा सकेंगे। घर बैठे सरकारी सुविधा का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति को ‘1076’ पर कॉल करके ‘मोबाइल सहायक’ से समय लेना होता है। इसके बाद मोबाइल सहायक आपके घर आखर फॉर्म भरने, जरूरी दस्तावेज और फीस लेकर आगे की कार्यवाही पूरी करते हैं। मोबाइल सहायक दस्तावेजों को जांचने के बाद उसे संबंधित कार्यालयों में जमा कर देते हैं। इसके बाद आवेदक को सरकारी दफ्तर में विजिट कराने की जिम्मेदारी भी मोबाइल सहायक की होती है।
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दिल्ली सरकार ने सरकारी सेवाओं के अलावा लाभार्थियों को घर तक राशन पहुंचाने की योजना को भी जुलाई में मंजूरी दी है। हालांकि अभी इसकी शुरुआत नहीं है। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ नाम दिया गया है। इस योजना के तहत स्वच्छ तरीके से पैक किए गए गेहूं, आटा, चावल और चीनी के थैले लोगों के घरों तक पहुंचाए जाएंगे। वहीं पीडीएस दुकान से राशन लेना वैकल्पिक होगा।