नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। एमसीडी के यह कहने पर कि उसका दिल्ली सरकार पर पैसा बकाया है। इन आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री और सभी अधिकारियों से पूरा पता किया और पाया कि एमसीडी का जितना बनता था, एक-एक पैसा दिया गया है।
वहीं दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौरों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया। दिल्ली सरकार द्वारा फंड जारी न किए जाने के कारण डॉक्टरों समेत अस्पताल के विभिन्न कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सका है।
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निगम के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मैंने अपने वित्तमंत्री और सभी अधिकारियों से पूरा पता किया और पाया कि एक-एक पैसा, जितना एमसीडी का बनता था, दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन डॉक्टरों ने हमारे और हमारे परिवारों की रक्षा, इलाज और सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाला, आज वे हड़ताल पर हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि 2015 में जब हमारी सरकार बनी, तब से हमने पिछली सरकारों की तुलना में एमसीडी को दो-तीन गुना ज्यादा पैसे का भुगतान किया है, वह पैसा कहां गया। दिल्ली सरकार के मुताबिक, केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर पूरे देश के सभी नगर निगमों को अनुदान देती है।
केंद्र सरकार को अनुदान के 12000 करोड़ रुपये एमसीडी को देने हैं, अभी इसमें से कुछ पैसे दे देना चाहिए, ताकि डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया जा सके। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एमसीडी के डॉक्टरों द्वारा वेतन की मांग को लेकर की जा रही भूख हड़ताल के संबंध में भी सरकार की स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा कि अभी अपने नगर निगम के कुछ डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनको कई महीने से तनख्वाह नहीं मिली है।