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केशव मौर्य ने अधिकारियों को दिए निर्देश- यूपी की सभी सड़कें की जाए गड्ढामुक्त

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए 15 सितम्बर से 15 नवम्बर तक विशेष अभियान चलाकर राज्य की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में देरी करने वाले अधिकारियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

श्री मौर्य आज लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 15 सितम्बर से विशेष अभियान चलाकर राज्य की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाय। उन्होंने कहा कि यह अभियान के तहत सभी प्रकार की सड़कों को 15 नवम्बर पूरी तरह गड्ढा मुक्त कर दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां कहीं भी निर्माण कार्यों की गति धीमी है, वहां के सम्बन्धित अभियन्ताओं व ठेकेदारों को तीन दिन के अन्दर नोटिस जारी की जाय और कार्यों में ज्यादा शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाय, यही नहीं जहां पर ठेकेदारों द्वारा अनावश्यक रूप से किसी कार्य में विलम्ब किया जाय, तो उन्हे भी नोटिस देकर नियमानुसार ब्लैक-लिस्टेड करने की कार्यवाही अविलम्ब सुनिश्चित की जाय। उन्होने कहा कि फील्ड के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाय, कि उनके द्वारा धनराशि का व्यय समय से किया जाय।

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उन्होंने जोर देते हुये कहा कि कार्यों को ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर हर हाल में निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाय। उन्होंने कहा कि नये कार्यों की स्वीकृति इसी माह में हर हॉल में प्रदान की जाय तथा टेण्डर प्रक्रिया उससे पहले ही स्वीकृति की प्रत्याशा में प्रारम्भ की जाय। उन्होंने कहा कि नये कार्यों के चयन में विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधियों से चर्चा जरूर कर लें।

श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि जिन कार्यों के लिये धनराशि जिलों में आवंटित की गयी है, उनका उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीघ्र मंगाया जाय और जो अधिकारी उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय से न भेंजे उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाय।

उन्होंने मुख्यमंत्री व उनके द्वारा की गयी घोषणाओं के कार्य शीघ्र से शीघ्र पूरे कराये जांय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभाग द्वारा किये गये उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्यों व परियोजनाओं तथा चल रही परियोजनाओं व भविष्य में संचालित होने वाली परियोजनाओं की फिल्म बनाकर उसका प्रजेन्टेशन कराया जाय।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अन्तर्राज्जीय सीमा को जोड़ने वाले सभी 105 मार्गों पर प्रवेश द्वार जल्द से जल्द बनवाए जांय। इन प्रवेश द्वारों पर ‘‘उत्तर प्रदेश में आपका स्वागत है, प्रदेश में आने के लिये धन्यवाद’’ जैसे स्लोगन लिखवाए जांय। यह द्वार आकर्षक व अच्छे होने चाहिये। मार्गों, सेतुओं व लघु सेतुओं के नामकरण करने की भी योजना तैयार कर प्रस्तुत की जाय। उन्होने कहा जिन मार्गों की स्थिति ज्यादा खराब हो या जिनके लिये बहुतायत में डिमान्ड हो, उनकी स्वीकृतियां प्राथमिकता के आधार पर जारी की जांय। लोक निर्माण विभाग के कार्य इस तरह से कराये जांय कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में कार्यों की साम्यता रहे। उन्होने राज्य सड़क निधि, अनजुड़ी बसावटों, मिसिंग लिंक, नाबार्ड, पं0 दीन दयाल उपाध्याय मार्ग योजना, बुन्देलखण्ड विकास निधि, पूर्वांचल विकास निधि आदि योजनाओं के कार्यों की भी समीक्षा की।

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