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चीनी से कही ज्यादा लाभकारी है खांड, जानिए रोज खाने से क्या होते हैं फायदे

Khand is more beneficial than sugar,know what are the benefits of daily eating

Khand is more beneficial than sugar,know what are the benefits of daily eating

भारत एक ऐसा देश है कि यहाँ कोई भी अवसर हो मीठा बनाने और खिलाने की परंपरा तो सदियों से चलती चली आ रही है। यह रिवाज आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चला आ रहा है। इंडियन डेजर्ट में मीठा खान-पान का अलग ही अपना मजा है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक शुगर हमारी सेहत के लिए हानिकारक भी होती है। बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि देसी खांड चीनी से कहीं ज्यादा लाभकारी है। खांड (Desi Khand) के सेवन से हमारी सेहत को कई फायदे हैं जबकि चीनी कई मामलों में खतरनाक है।

चीनी से बनी मिठाई हर किसी को पसंद है और इसके टेस्ट के आगे अब लोगों ने पाररंपरिक खांड का सेवन करना भी बंद कर दिया है।

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कभी-कभी मीठा खाने की क्रेविंग होती है तो हम अधिकतर चीनी से बनी चीजों का सेवन करते हैं जिसके बाद कुछ देर तक अच्छा फील होता है। लेकिन असल में थोड़ी देर की क्रेविंग शांत करने के लिए हम अपनी सेहत की फिक्र नहीं करते। चीनी की वजह से ही डायबिटीज यानी ब्लड शुगर का लेवल गड़बड़ा जाता है और इसके बाद आप कई दूसरी बीमारियों को भी न्यौता दे देते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप चीनी की बजाए देसी खांड का प्रयोग करें। यहां हम आपको देसी खांड के फायदे बता रहे हैं।

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खांड से तैयार होने  वाले पकवान
ग्रहणियां खांड का सेवन भी अपने घर में चीनी की तरह कर सकते हैं। इससे आप लस्सी, खीर, हलवे, चाय, दूध, और भी तमाम तरह की मिठाइयां बना सकते हैं। देश के दूर दराज इलाकों में आज भी देसी खांड से मेथी और सोंठ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं। सर्दियों में गर्माहट लाने के लिए अक्सर दादी-नानी देसी खांड से ही मिठाइयां बनाती हैं।

 कैसे तैयार होता है खांड
गुड़ और चीनी तरह देसी खांड भी गन्ने के रस से ही बनता है। लेकिन शक्कर को काफी बार रिफाइन किया जाता है जबकि देसी खांड को नहीं और यही वजह है कि ये सेहत के लिए लाभकारी है। देसी खांड को बिना केमिकल के तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिनों तक मशीन के जरिए हिलाया जाता है। इसके बाद देसी गाय के दूध से इसका मैल अलग किया जाता है। फिर देसी घी में खांड की काफी देर तक घुटाई की जाती है। बता दें कि किसी भी खाद्य पदार्थ को जितना अधिक बार रिफाइन करेंगे उतने ही उसके पोषक तत्वों में कमी होती जाएगी। चीनी के बार-बार रिफाइन होने से उसमें फाइबर भी कम हो जाता है वहीं देसी खांड सारे पोषक तत्वों से पूर्ण होता है। देसी खांड में किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसीलिए ये चीनी से बेहतर विकल्प होता है।

 

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