हरियाणा । हरियाणा विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस पार्टी मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है। सदन में बहुमत नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर कराई गई वोटिंग के दौरान 32 सदस्य इसके पक्ष में खड़े हुए। वहीं, प्रस्ताव के खिलाफ में मनोहर लाल खट्टर को 55 विधायकों का समर्थन मिला है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से भाजपा-जजपा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का विश्वास खो दिया है। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया और इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय तय किया। चर्चा के बाद वोटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी को निराशा हाथ लगी।
No confidence motion against Haryana government defeated in the Assembly. pic.twitter.com/mVCApJL7s0
— ANI (@ANI) March 10, 2021
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केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा सबसे पहले उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि स्थिति ऐसी है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुड्डा ने कहा कि इस सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है। उनके विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते। किसानों के मुद्दे पर हुड्डा ने मांग रखी कि हरियाणा विधानसभा की श्रद्धांजलि सूची में उन 250 किसानों का नाम शामिल किया जाए जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने नवंबर में किसानों को रोका, उनके विरुद्ध पानी की बौछार का इस्तेमाल किया और वे दिल्ली की ओर न जा सकें इसलिए सड़कें तक खोद दी गईं। हुड्डा ने कहा कि सरकार को यह पता होना चाहिए कि वह इन तरीकों का इस्तेमाल कर किसानों के मनोबल को तोड़ नहीं सकती।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह कादयान ने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव से स्पष्ट हो जाएगा कि कौन किसानों के साथ खड़ा है और कौन उनका विरोधी है।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां और जजपा की विधायक नैना चौटाला की ओर इशारा करते हुए कादयान ने कहा कि उन्हें किसानों के समर्थन में “झांसी की रानी” की तरह खड़ा होना चाहिए और अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए। हरियाणा के शिक्षा और संसदीय कार्यमंत्री कंवर पाल सिंह ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि वे किसानों को भ्रमित कर रहे हैं और उनके नाम पर राजनीति कर रहे हैं।
जानें क्या है हरियाणा विधानसभा का गणित?
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 40 सदस्य, जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है। निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने सरकार का समर्थन करते हुए कांग्रेस की आलोचना की।
इससे पहले हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कितने विधायक सरकार के साथ हैं और कितने विधायक किसानों के साथ खड़े हैं।