बरेली के आंवला कोतवाली के मऊचंद्रपुर गांव में एक युवती की अपहृत होने की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे पिता को पुलिस ने अपमानित कर भगा दिया। इसी कारण उसने सोमवार को खुदकुशी कर ली। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगा था। इसके बाद पुलिस ने सुसाइड नोट फाड़ दिया, जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से मौजूद पुलिस कर्मियों पर पथराव कर दिया। इसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गये। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए गांव में भारी फोर्स को तैनात कर दिया गया है।
आरोप है कि, गांव के एक किसान की बेटी आठ अप्रैल को लापता हो गयी थी। गांव का एक युवक भी लापता है। बेटी के भागने के शक में पिता ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराने रामनगर चौकी पहुंचा। आरोप है कि पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं किया और उल्टा उन्हे अपमानित कर भगा दिया। इससे आहत होकर सोमवार को किसान ने खुदकुशी कर ली।
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ग्रामीणों ने शव को नीचे उतारा और जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें रामनगर के दारोगा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि जब इसकी जानकारी दारोगा को हुई तो वह मौके पर पहुंचकर सुसाइड नोट फाड़ दिया। इसके बाद गांववालों ने पुलिस कर्मियों को चारों तरफ से घेर लिया। दरोगा को छुड़ाने के दौरान पुलिस कर्मियों ने हल्का बल प्रयोग करने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पथराव में कुछ पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
पथराव की सूचना पाकर एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल व सीओ कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। एसपी ने चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर शांत कराने का प्रयास कराया, लेकिन लोग नहीं मान रहे थे। इसके बाद आंवला विधायक धर्मपाल सिंह मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए। लेकिन गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
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एसपी देहात ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से दारोगा पर जो भी आरोप लगाये गए हैं उसकी गंभीरता से जांच करायी जायेगी। दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। पीड़ित परिवार को न्याय दलायाि जायेगा।