हिमाचल प्रदेश में जनजातीय जिला किन्नौर की निचार तहसील के निगलसुरी में नेशनल हाइवे-पांच पर हुए भारी भूस्खलन के कारण दो व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 10 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बुधवार दोपहर 12 बजे पहाड़ी से भारी मात्रा में चट्टानें और मलबा गिरने से हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, एक ट्रक और एक कार इसकी जद में आ गए। एचआरटीसी की किन्नौर-हरिद्वार रूट की बस में कई यात्री सवार थे। अभी भी 30 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। ये इलाका किन्नौर के भावानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुखद हादसे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फोन पर बात कर स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने भूस्खलन की इस घटना पर अपनी संवेदनाओं व्यक्त करते हुए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का विश्वास दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रदेश सरकार को एनडीआरएफ टीम और अन्य राहत सामग्री उपलब्ध करने का भरोसा दिया है।
किन्नौर में भीषण भूस्खलन, यात्रियों से भरी बस मलबे में दबी
किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि अब तक घटनास्थल से दो शवों को निकाला जा चुका है। 10 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इन्हें घायल अवस्था में उपचार के लिए भावानगर अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटनास्थल पर अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस, होमगार्ड के अलावा एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें जुटी हैं।
उल्लेखनीय है कि किन्नौर जिला में तीन सप्ताह के भीतर भूस्खलन की ये दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले गत 25 जुलाई को जिले के सांगला इलाके में एक वाहन के भूस्खलन की चपेट में आने से नौ पर्यटकों की मौत हुई थी। राज्य में मानसून सीजन के दौरान बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 234 लोगों की मौत हो चुकी है।