• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानें हिंदू नववर्ष का इतिहास, कब से होगा प्रारंभ

Writer D by Writer D
26/03/2022
in फैशन/शैली, धर्म
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नया विक्रम संवत्सर प्रारम्भ हो जाता है। इसी दिन चैत्र नवरात्रों का भी प्रारंभ होता है।

विक्रम संवत्सर का प्रारम्भ ही हिन्दू नववर्ष ( Hindu New Year) के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के तमाम जितने भी गणना केलेंडर है वो सभी कहीं न कहीं भारतीय पंचांग और काल गणणा पर आधारित है। भारतीय काल गणना सूर्य और चन्द्रमा गतियों पर आधारित है।

विक्रमी संवत का इतिहास

माना जाता है कि सबसे पहले राजा विक्रमादित्य के समय ही वैज्ञानिक रूप से काल गणना का प्रारम्भ कर केलेंडर बनाया गया था। 12 महीने और इनके दिन, सप्ताह के सात दिन जो ग्रहों पर आधारित थे का प्रारम्भ भी इसी पद्धति की देन है। विश्व के अन्य सभी कलेंडर इसी विक्रम संवत पर आधारित है।

57 ईसा पुर्व इस कलेंडर की शुरुआत मानी गई। विक्रम संवत पांच तरह के संवत्सर को मिलाकर माना गया है जिनके नाम सौर, चन्द्र, नक्षत्र, सावन और अधिमास है।

जानिए पांचो संवत्सर के बारे में : सौर वर्ष – इसका आरम्भ मेष राशि में सूर्य संक्रांति होने पर होता है. इसके सभी 12 महीने राशियों के नाम पर हैं। इसका समय 365 दिन का होता है।

चन्द्र वर्ष : इसके महीने चैत्र से प्रारम्भ होते हैं। इसकी समयावधि 354 दिनों की होती है। बढे हुए 10 दिन अधिमास के रूप में माने जाते हैं।

नक्षत्र : ज्योतिष काल गणना के अनुसार 27 प्रकार के नक्षत्रों का वर्णन है। एक नक्षत्र महीने में दिनों की संख्या भी 27 ही मानी गई है।

सावन वर्ष : सावन वर्ष में दिनों की संख्या लगभग 360 होती है और मास के दिन 30 होते हैं।

अधिमास : वैसे तो अधिमास के 10 दिन चन्द्रवर्ष का भाग है लेकिन इसे चंद्रमास न कह कर अधिमास कह दिया जाता है।

Tags: chaitr navratriHindu New Yearhindu new year 2022
Previous Post

26 मार्च राशिफल : राशिनुसार जानिए कैसा बीतेगा आपका आज का दिन

Next Post

पेट्रोल-डीजल के दामों ने फिर लगाई आग, जानें अपने शहर के रेट

Writer D

Writer D

Related Posts

Besan Face Pack
फैशन/शैली

ग्लोइंग स्किन के लिए बेस्ट है ये फेस पैक

21/09/2025
Surya Dev
धर्म

करें सूर्य चालीसा का पाठ, जीवन में भर जाएगी सुख-समृद्धि

21/09/2025
Sabudana Khichdi
Main Slider

इस बेहतरीन डिश से करें दिन की शुरुआत, टेस्ट के साथ मिलेगी हेल्थ भी

21/09/2025
White Hair
फैशन/शैली

सफेद बाल होंगे कुदरती काले, बस करें ये उपाय

21/09/2025
Sarva Pitru Amavasya
धर्म

तुलसी का पौधा बार-बार सूख जाता है, तो ये वजह हो सकती है जिम्मेदार

21/09/2025
Next Post
Petrol

पेट्रोल-डीजल के दामों ने फिर लगाई आग, जानें अपने शहर के रेट

यह भी पढ़ें

कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजनों को योगी सरकार देगी 50 हजार की राहत राशि

17/10/2021
Bank

दो दिन के बाद ये बैंक हमेशा के लिए हो जाएगा बंद, ग्राहक तुरंत निकाल लें अपना पैसा

20/09/2022

हनुमानजी की उपासना में कर लें ये काम, बन जाएंगे सभी बिगड़े काम

18/01/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version