Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

माता सीता की पूजा से मां लक्ष्मी भी होती है प्रसन्न, जानें पूजन विधि

Sita Navami

Sita Navami

5 मई को जानकी जयंती है (Sita Navami) । महिलाएं मां सीता को प्रसन्न करने के लिए आज व्रत रखती हैं। शाम को पूजा पाठ के बाद व्रत खोलती हैं और माता सीता की पूजा करती हैं एवं आरती का पाठ करती हैं। हिंदू धर्म में सीता नवमी का उतना ही महत्व बताया गया है जितना राम नवमी का। सीता नवमी के दिन माता सीता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा कहते हैं कि सीता नवमी पर पूजा-अर्चना करने से जीवन की तमाम मुश्किलें दूर होती हैं।

मां सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इसलिए माता सीता की पूजा करने से मां लक्ष्मी खुद-ब-खुद प्रसन्न हो जाती हैं, जिन्हें धन की देवी भी कहा जाता है। सीता नवमी पर सच्चे मन से मां सीता की उपासना करने वालों के घर में कभी धन की कमी नहीं रहती है। ऐसी भी मान्यताएं हैं कि माता सीता की पूजा-पाठ से रोग और पारिवारिक कलह से मुक्ति मिल सकती है।

पूजन विधि

– सीता नवमी (Sita Navami) पर माता सीता का श्रृंगार करके उन्हें सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है।
– शुद्ध रोली मोली, चावल, धूप, दीप, लाल फूलों की माला, गेंदे के पुष्प और मिष्ठान आदि से माता सीता की पूजा अर्चना करें।
– तिल के तेल या गाय के घी का दीया जलाएं और एक आसन पर बैठकर लाल चंदन की माला से ॐ श्रीसीताये नमः मंत्र का एक माला जाप करें।
– अपनी माता के स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। लाल या पीले फूलों से भगवान श्री राम की भी पूजा अर्चना करें।

माता सीता जी आरती

आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की…
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि,
नित्य सत्य साकेत विहारिणि।

परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की…
आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि,
पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि,
त्याग-धर्म-मूरति-धारी की…
आरति श्रीजनक-दुलारी की…

विमल-कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी,
शरणागत-जन-भय-हारी की..
आरति श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की…

Exit mobile version