कई बार परिवार में सबकुछ ठीक रहने के बाद भी घर की बरकत नहीं हो पाती है. परिवार के सदस्यों के बीच विवाद, कलह और अशांति रहती है. धन आता है, लेकिन उसका सदुपयोग नहीं हो पाता है. बीमारी में धन का खर्च होता है, बैंक का कर्ज और लोगों की उधारी बढ़ती जाती है. घर में नकारात्मकता का माहौल रहता है. इसका एक कारण आपके घर का मुख्य द्वार (Main Gate) भी हो सकता है, जो वास्तु के अनुसार गलत दिशा में हो या फिर वास्तु के नियमों के विपरीत हो. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं घर के मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में.
मुख्य द्वार (Main Gate) के लिए वास्तु के नियम
1. आपके घर का मुख्य द्वार (Main Gate) उत्तर, उत्तर-पूर्व, पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए. यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा हुआ है तो वह कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है. इसके लिए आपको वास्तु विशेषज्ञ की मदद लेकर उससे जुड़े उपाय करने चाहिए.
2. आपके घर का मुख्य द्वार (Main Gate) मकान के बीचोबीच नहीं होना चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि वह घर के अन्य दरवाजों से बड़ा हो और उसकी सीध में कोई भी अन्य द्वार न हों. आपका मुख्य द्वार ऐसा नहीं है तो उसे ठीक करा सकते हैं.
3. मुख्य द्वार (Main Gate) हमेशा ही घर के अंदर की ओर खुलना चाहिए. खुलते और बंद होते समय उसमें से कोई आवाज नहीं आनी चाहिए. ऐसा मुख्य द्वार घर की आर्थिक उन्नति में सहायक होता है.
4. मुख्य द्वार (Main Gate) पर उचित प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए. उसके बाहर नेम प्लेट होनी चाहिए और मुख्य द्वार को सजाकर रखें, उस पर तोरण लगाएं. इससे घर में सकारात्मकता आती है. परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बना रहता है.
5. मुख्य द्वार (Main Gate) के सामने कोई रुकावट न हो. लिफ्ट, सीढ़ी, खंभे, बिजली के पोल, पेड़ आदि नहीं होने चाहिए. मुख्य द्वार बाधा रहित हो. यदि ऐसा नहीं है तो घर की तरक्की नहीं हो पाती है. ये घर के अंदर नकारात्मकता फैलाते हैं.
6. आपके घर का मुख्य द्वार हल्के रंगों से रंगा होना चाहिए. उस पर काले रंग के उपयोग से बचना चाहिए. उस पर आप ऊं, स्वास्तिक या कोई अन्य शुभ चिह्न बना सकते हैं. इस बात का ध्यान रहे कि मुख्य द्वार दो दरवाजे वाला हो. एक दरवाजे वाला मुख्य द्वार अशुभ माना जाता है.
7. मुख्य द्वार को साफ-सुथरा रखें. वहां पर कोई गंदगी नहीं होनी चाहिए. कई बार लोग फूल, माला लगा देते हैं, वे सूख जाते हैं और वहीं लगे रहते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. मुख्य द्वार के पास आप केले, तुलसी आदि के पौधे लगा सकते हैं.
8. मुख्य द्वार में एक दहलीज होनी चाहिए. जो इस बात को बताती है कि यहां से घर का आंतरिक हिस्सा प्रारंभ हो रहा है. दहलीज नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा को घर में भेजती है.