लाइफ़स्टाइल डेस्क। अभी अक्टूबर महीने के पहले दिन सभी लोगों ने वेजेटेरियन डे यानी शाकाहार दिवस को सेलिब्रेट किया और अब पूरी दुनिया एक नवंबर को वीगन डे मनाने की तैयारी में है। नॉन वेजेटेरियन और वेजेटेरियन दुनिया में आखिर क्यों वीगन डे हर साल लोकप्रिय बनता जा रहा है, यह बहुत सारे लोगों के लिए आज भी जिज्ञासा की वजह है। वीगन डाइट को तमाम बीमारियों से मुक्ति का उपाय भी माना जाता है तो इसके पीछे क्या कारण है। तो आइये जानते हैं कि क्या है वीगन का मायने और क्यों पूरी दुनिया मना रही है वीगन डाइट डे।
वीगन डाइट के लिए प्रेरित करने वाले यह मानते हैं कि मनुष्यों के साथ ही पशुओं को भी पूरी स्वतंत्रता और स्वच्छंदता से पृथ्वी पर रहने का अधिकार है। यह पृथ्वी जितनी मनुष्यों की है उतनी ही पशु-पक्षियों व अन्य जीवों की भी है। सभी का इस पृथ्वी पर बराबर अधिकार है और सभी को अपने जीवन यापन के लिए उन संसाधनों का ही प्रयोग करना चाहिए जो दूसरों को बगैर कष्ट दिए मिल सकें।
वीगन डे के समर्थकों के भोजन की थाली देखकर एक बारगी आपको लग सकता है कि वेजीटेरियन का समर्थन किया जा रहा है लेकिन यह कुछ मायनों में अलग है। इसको समझने के साथ ही हमें पहले यह समझना होगा कि वीगन और वेजिटेरियन में क्या फर्क है जबकि दोनों एक दूसरे से मिलते-जुलते शब्द हैं।
हम यहां आपको बताते चलें वीगन और वेजिटेरियन दोनों में बहुत फर्क है। वीगन एक डाइट प्लान के साथ आहार है और वेजिटेरियन एक संपूर्ण आहार है । वीगन में डेरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं होता है। यहाँ तक शहद और कॉस्मेटिक तक इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जबकि वेजिटेरियन में डेरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जब दूसरा विश्व युद्ध में दुनिया को झकझोर दिया था और लोगों को यह लगने लगा था कि खाने के लिए इतनी मार क्यों? यहीं से यह विचार उठा तब ब्रिटेन में 1944 में वीगन सोसाइटी का जन्म हुआ ।
आज भी यह सोसायटी सक्रिय है ताकि दुनिया को शाकाहार की तरफ ले जाया जा सके। इसके साथ एक कारण और भी बताया जाता है कि उस समय बी गेम्स को डेरी उत्पादन नौका उपभोग करने की अनुमति नहीं थी। इस बात का उन्होंने विरोध किया और विरोध में अंडे का सेवन बंद कर दिया और फिर 1951 में यह एक शाकाहारी आंदोलन बन गया तब से हर साल मनाया जाता है । लुईस बेलिस ने 50 साल बाद 1994 में इसे एक इवेंट के रूप में तब्दील करने का आइडिया आया।
1 नवंबर को बिगन दिवस मनाने के पीछे भी एक कहानी जो लुईस बेलिस बताते हैं । उनके अनुसार पश्चिम देशों में हेलोवीन फेस्टिवल अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में मनाया जाता है। हेलोवीन फेस्टिवल भी बुरे को भगाने की बात होती है और यहां भी बुरी मानसिकता को से दूर रहने की बात होती है।