राजस्थान के राजसमंद में 7 साल की मासूम के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। बच्ची की छोटी सी गलती पर भी बेरहम रिश्तेदारों ने उसे लोहे के गर्म सरिए और जलती सिगरेट से दागा। इतने से भी मन नहीं भरा तो दरिंदों ने मासूम के हाथ-पैर के नाखून तक उखाड़ डाले। बच्ची की मां की मौत होने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और सूरत चला गया। वहीं, बच्ची को रिश्तेदारों के यहां छोड़ गया था। बच्ची के प्राइवेट पार्ट में मिर्च पाउडर तक डाला गया।
मामला भीम थाना क्षेत्र के थानेटा गांव का है. थाना अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि बच्ची के साथ बेरहमी करने के आरोप में किशन सिंह और उसकी पत्नी रेखा को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बच्ची को लोहे की सरिए से क्यों दागा? उसके नाखून क्यों नोचे गए? इन सब बिंदुओं पर पूछताछ की जा रही है।
आरोपी बच्ची के पिता के रिश्तेदार हैं। बच्ची के पिता सूरत में मजदूरी करते हैं। ऐसे में बच्ची को गांव में रिश्तेदार किशन सिंह के यहां देखभाल के लिए छोड़ गए थे।
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बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष भावना पालीवाल ने बताया कि बच्ची से घर का झाड़ू-पोंछा सहित सारे काम करवाए जाते थे। जब भी वह गलती करती तो बेरहमी उसे पीटा जाता था। उसे खाना भी नहीं देते थे। यहां तक की मासूम के प्राइवेट पार्ट में मिर्ची पाउडर तक डाल दिया गया था। बच्ची के हाथ-पैर बांधकर उलटा लटका कर मारते पीटते थे।
शुक्रवार सुबह बच्ची को निर्वस्त्र कर मारपीट करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पर बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्ड लाइन के लोग गांव पहुंचे। वहां पूछताछ की तो बच्ची के साथ बर्बरता का पता चला। फिर पुलिस को सूचना दी गई। अमानवीयता की इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
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बच्ची को थाने में 8 घंटे तक बिठाए रखा। एफआईआर दर्ज नहीं की। बाद में विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद और एडीजे नरेंद्र कुमार गहलोत के दखल के बाद मामला दर्ज किया गया। इसके बाद बच्ची का मेडिकल शनिवार को करवाया गया। फिलहाल बच्ची चाइल्ड लाइन के पास है।