गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. उन्होंने राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया, जिससे उनको मोक्ष की प्राप्ति हुई. गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के अवसर पर गंगा नदी में स्नान करते हैं और मां गंगा की पूजा करते हैं, ताकि पाप मिट सकें और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो. 30 मई 2023, मंगलवार को मनाई जाएगी.
इस अवसर पर काशी, प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, गढ़मुक्तेश्वर आदि स्थानों पर स्नान का आयोजन होता है और शाम के समय में गंगा आरती करते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं गंगा दशहरा की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) तिथि और मुहूर्त
ज्येष्ठ दशमी तिथि की प्रारंभ – मई 29, 2023 को सुबह 11 बजकर 49 मिनट से
दशमी तिथि का समापन – मई 30, 2023 को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक
हस्त नक्षत्र प्रारम्भ – मई 30, 2023 को सुबह 04 बजकर 29 मिनट से
हस्त नक्षत्र समापन – मई 31, 2023 को सुबह 06 बजे तक
गंगा दशहरा शुभ योग (Ganga Dussehra Shubh Yog)
गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. साथ ही इसी दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. शुक्र के गोचर से इस दिन धन योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन रवि योग पूरे दिन ही रहेगा. साथ ही सिद्धि योग की शुरुआत 29 मई को रात 09 बजकर 01 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 मई को रात 08 बजकर 55 मिनट तक होगा.
गंगा दशहरा पूजन विधि (Ganga Dussehra Pujan Vidhi)
गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगानी चाहिए. आप किसी तालाब या अपने आस-पास स्थित नदी में भी डुबकी लगा सकते हैं. स्नान करते समय ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें. गंगा स्नान के बाद ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप करते हुए हवन करें. अगर आप घर पर हैं तो इस दिन नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. गंगा दशहरा के दिन गरीब और जरूरमंद लोगों को दान करना काफी शुभ माना जाता है. गंगा दशहरा के दिन दान में दी जाने वाली चीजों की संख्या 10 होनी चाहिए साथ ही पूजा में आप जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह भी 10 होनी चाहिए जैसे तरह के 10 फल और 10 तरह के फूल.
गंगा दशहरा महत्व (Ganga Dussehra Importance)
गंगा दशहरा के पर्व को सनातन धर्म में धरती पर मां गंगा के आगमन की तिथि के तौर पर मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी. मान्यता है कि गंगा दशहरा के पर्व से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं.
गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र का महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा. मां गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं. इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल माने जाते हैं. गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा.