रमजान (Ramadan) का महीना मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले अन्न पानी ग्रहण नहीं करते. उपवास के अलावा मुसलमानों को इस पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता रखना और अपनी बातों से किसी को नुकसान न पहुंचाना जरूरी होता है. इस पूरे महीने शरीर की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है.
क्यों रखा जाता है रमजान के महीने में रोजा?
रमजान वो महीना है जिसमें मुसलमानों के पवित्र पैगंबर मुहम्मद के समक्ष इस्लाम की पवित्र किताब कुरान की पहली आयत का अनावरण हुआ था. इसी के बाद से इस्लाम में इस महीने को पवित्र मानकर महीने भर रोजा रखने की परंपरा शुरू की गई.
रोजा रखना इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों में से एक है. मुसलमानों के जीवन में इन पांचों सिद्धांतों का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है. रोजा के अलावा इस्लाम के बाकी चार सिद्धांत हैं- नमाज, दान, आस्था और मक्का की हज यात्रा.
इस साल कब है रमजान?
इस्लामी कैलेंडर के नौंवे महीने में रोजा रखा जाता है. रमजान की शुरूआत चांद के दिखने के बाद होती है. भारत में इस बार रमजान महीने की शुरुआत शनिवार 2 अप्रैल से हो रही है. हालांकि, रमजान महीने की तारीख चांद दिखने पर ही तय होगी. रमजान का ये महीना 2 मई को खत्म हो सकता है.
इस पूरे महीने मुसलमान खुद पर काबू करने की कोशिश करते हैं. रमजान के पूरे महीने में मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं. सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है जिस दौरान मुसलमान खाना-पीना करते हैं. सुबह की अजान के बाद कुछ भी खाना-पीना रोजेदारों के लिए वर्जित होता है. रोजे के दौरान अपने काम के अलावा रोजेदार अल्लाह की इबादत करते हैं. सूरज डूबने के बाद इफ्तार किया जाता है जिस दौरान दिन भर के उपवास के पास अन्न जल ग्रहण किया जाता है.
किसे है रोजा न रखने की छूट
इस्लाम मानने वाले हर व्यक्ति को रोजा रखने के लिए कहा गया है. लेकिन बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बीमार लोगों को रोजा न रखने की छूट है. जो लोग यात्रा पर हैं, उन्हें भी रोजा रखने में छूट मिलती है.
जिन महिलाओं के पीरियड्स चल रहे हैं, उन्हें भी रोजा रखने से छूट दी जाती है. हालांकि ये जरूर है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं जितने दिन रोजा नहीं रखतीं, उन्हें बाद में उतने ही रोजे बाद में और रखने होते हैं. अगर कोई बीमार व्यक्ति रोजा रखता है तो सहरी और इफ्तार के वक्त उसे दवा खाने की छूट होती है.
ईद से खत्म होता है रमजान का महीना
रमजान के अंतिम दिन बड़ी धूम-धाम से ईद का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 2 मई को ईद का त्योहार मनाया जा सकता है. मुसलमानों के लिए ये सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन लोग रमजान के पूरे महीने सब्र देने के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं. इस दिन मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं, अपने बच्चों को ईदी देते हैं. इस्लाम में रमजान के महीने में गरीबों को दान देने की बात कही गई है.
सभी मुसलमान सामूहिक नमाज के लिए मस्जिद जाते हैं और ईद के दिन बनी सेवइयों को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खाते हैं.