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जानिए भगवान विष्णु जी ने क्यों लिया था श्रीकृष्ण के रूप में जन्म

Desk by Desk
07/08/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
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जन्‍माष्‍टमी

जन्‍माष्‍टमी

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धर्म डेस्क। जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। उनका जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार यह तिथि 12 अगस्त को पड़ रही है। जन्माष्टमी पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भगवान श्रीकृष्ण के भक्त इस पर्व को बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। वे वसुदेव और देवकी की पुत्र थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में यशोदा और नन्द के यहां उनका लालन पालन हुआ था।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। हालांकि भगवान हर युग में जन्म लेते हैं। द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म क्यों हुआ था इस बात को स्वयं लीलाधर ने गीता के एक श्लोक में बताया है जो इस प्रकार है –

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युथानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।

परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।

इस श्लोक में श्रीकृष्ण ने अपने अवतरित होने के कारण को बताया है। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन को यह बताया था कि जब जब धरती पर पाप बढ़ेगा। धर्म का नाश होगा। साधु-संतों का जीना मुश्किल हो जाएगा उस समय धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु अवतरित होंगे।

इस बात को तुलसीदास जी ने अपने एक दोहे की चौपाई में कहा है जो इस प्रकार है- जब जब होई धरम की हानि, बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी, तब-तब प्रभु धरि विविध सरीरा, हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा। अर्थात जब-जब धर्म का ह्रास होता है और अभिमानी राक्षस प्रवृत्ति के लोग बढ़ने लगते हैं तब तब कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों की पीड़ा हरते हैं। वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं।

कहा जाता है कि द्वापर में क्षत्रियों की शक्ति बहुत बढ़ गई थी। वे अपने बल पर देवताओं को भी चुनौती देने लगे थे। इसके अलावा हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष ने बदलकर धरती पर जन्म लिया था जिसका अंत करने के भगवान विष्णु ने स्वयं कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। भगवान विष्णु के दस अवतार हैं :

  • मत्स्य
  • कूर्म
  • वराह
  • नरसिंह
  • वामन
  • परशुराम
  • राम
  • कृष्ण
  • बुद्ध
  • कल्कि
Tags: Krishna JanmashtamiKrishna Janmashtami 2020जन्‍माष्‍टमी
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