धर्म डेस्क। दिवाली 14 नवंबर को है। यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मीजी की पूजा का विशेष महत्व होता है। लक्ष्मी पूजन से घर पर धन और सुख-समृद्धि आती है। इस पूजा में कई तरह की पूजन सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। जिसमें गन्ने का विशेष महत्व होता है। मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ने के प्रयोग के पीछे एक रोचक कथा है।
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु माता लक्ष्मी संग पृथ्वी पर विचरण कर रहे थे। तभी अचानक विष्णुजी को कुछ याद आया। फिर उन्होंने माता लक्ष्मी से कहा कि मैं दक्षिण की तरफ जा रहा हूं, तुम यहीं पर रुककर मेरी प्रतिक्षा करना। यह बात कहकर विष्णुजी चले गए। माता लक्ष्मी थोड़े समय उस स्थान पर रुककर भगवान विष्णु की प्रतिक्षा करने लगी। लेकिन स्वभाव से चंचला होने के कारण वे कहां एक स्थान पर रुकने वाली थीं।
माता लक्ष्मी इधर-उधर विचरण करने लगीं तभी उन्हें वहां पर एक गन्ने का खेत दिखा। माता लक्ष्मी ने खेत से गन्ने को तोड़कर चूसना आरंभ कर दिया। तभी भगवान विष्णु वहां पर लौट आए। लक्ष्मीजी को गन्ना चूसते देखकर वे नाराज हो गए और कहने लगे कि आपने बिना खेत के मालिक से पूछे गन्ना तोड़कर कैसे खा लिया।
इस गलती के लिए सजा के तौर पर उन्होंने कहा कि तुम्हे इस किसान के घर 12 वर्षो तक रहना पड़ेगा और उसकी देखभाल करनी पड़ेगी। यह बात कहकर विष्णु जी वैकुंठ लौट गए और माता लक्ष्मी किसान के घर रहने लगीं। लक्ष्मीजी की कृपा से वह किसान थोडे ही दिनों में बहुत ही धनवान और सुखी रहने लगा।