कोलकाता। डॉक्टर रेप मर्डर केस मामले में न्याय की मांग को लेकर धरना और प्रदर्शन दे रहे जूनियर डॉक्टर्स ( Junior Doctors) ने धरना वापस लेने का ऐलान किया। इस तरह से 41 दिनों से चला आ रहा जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा। जूनियर डॉक्टरों की जनरल बॉडी की बैठक में यह फैसला किया गया। नौ अगस्त को लेडी डॉक्टर की मौत के बाद जूनियर डॉक्टर ( Junior Doctors) धरना-प्रदर्शन दे रहे थे। गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों ने मार्च कर धरना समाप्त करने का ऐलान किया। शुक्रवार दोपहर जूनियर डॉक्टर मार्च करेंगे और बाढ़ प्रभावित इलाकों में जूनियर डॉक्टर क्लीनिक चलाएंगे। शनिवार से जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी सेवा में शामिल होंगे।
बता दें कि कोलकाता कांड के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ( Junior Doctors) के संगठनों ने धरने का ऐलान कर दिया था। इसके चलते बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी। हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की 5 मांगें थीं, जिनमें से ममता सरकार ने 3 को मान लिया। खुद सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
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ममता बनर्जी ने डॉक्टरों ( Junior Doctors) की 5 में से तीन मांगों को मानते हुए चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटा दिया। पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाकर नए आईपीएस अधिकारी को जिम्मा सौंपा। इसके साथ ही कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को भी हटा दिया गया, जिनके खिलाफ पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था।
जूनियर डॉक्टर्स ( Junior Doctors) ने रखी थीं ये 5 मांगें –
1- ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद साक्ष्यों को “नष्ट” करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय हो और उन्हें सजा दी जाए।
2- मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ। संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
3- कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग की।
4- स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
5- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में “धमकी की संस्कृति” को खत्म किया जाए।