नई दिल्ली/उन्नाव। पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Sengar) ने उन्नाव में 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ ने मामले को 22 दिसंबर को सुनवाई के लिए दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। सेंगर ने अपनी बेटी की शादी (आठ फरवरी) में शामिल होने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत की मांग की है। उनके वकील ने बताया कि शादी की रस्में 18 जनवरी से शुरू होंगी।
उन्नाव दुष्कर्म मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर (Kuldeep Sengar) की अपील पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के 16 दिसंबर, 2019 के उस फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर, 2019 के उस आदेश को रद्द करने की भी मांग की है, जिसमें उन्हें शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी।
ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 (2) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने आजीवन कारावास की अधिकतम सजा के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सेंगर पर आरोप है कि उन्होंने 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्नाव से मामले को दिल्ली स्थानांतरित किए जाने के बाद 5 अगस्त, 2019 को शुरू हुई सुनवाई को दिन-प्रतिदिन के आधार पर चलाया गया। शीर्ष अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता की ओर से तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए 1 अगस्त, 2019 को हुए उन्नाव मामले से संबंधित दर्ज पांच मामलों को लखनऊ अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए दैनिक आधार पर सुनवाई तय की थी। अदालत ने सुनवाई 45 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था।