देश में सब्जियों के बीच भिंडी बेहद लोकप्रिय है। यह आम भारतीयों के घरों में बड़े चाव से खाया जाता है। हालांकि, ज्यादातर लोग हरी भिंडी के बारे में ही जानते हैं, बेहद कम लोगों को लाल भिंडी (Kumkum Lady Fingers ) के बारे में जानकारी होगी। ये भिंडी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। खास कर दिल की सेहत के लिए ये बहुत लाभकारी मानी जाती है। इसे काशी लालिमा जिसे कुमकुम भिंडी के नाम से भी जाना जाता है।
कुमकुम भिंडी (Kumkum Lady Fingers) के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6।5 और 7।5 के बीच होनी चाहिए। ध्यान रखें, जिस भी खेत में इस भिंडी की खेती की जा रही हो वह जलनिकासी वाली होनी चाहिए। लाल भिंडी की खेती साल में दो बार की जा सकती है। कुमकुम भिंडी की बुवाई के लिए सबसे सही समय फरवरी से अप्रैल तक होता है।
सामान्य हरी भिंडी की ही होती है लाल भिंडी (Kumkum Lady Fingers) की खेती
सामान्य हरी भिंडी की ही तरह इसको उगाना भी आसान होता है। इसमें लागत भी सामान्य भिंडी जितनी ही आती है। इतना ही नहीं, इसके लाल रंग की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट कहीं ज्यादा है और वैज्ञानिक इसे पकाकर खाने के बजाए सलाद के रूप में खाने की सलाह देते हैं।
सिंचाई
कुमकुम भिंडी की फसल में सिंचाई हरी भिंडी की तरह ही होती है, मार्च के महीने में 10 से 12 दिन के अंतराल में, अप्रैल में 7 से 8 दिन के अंतराल में और मई-जून में 4 से 5 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए, बारिश के मौसम में यदि बराबर बारिश होती है तो सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती। रबी सीजन में बुवाई करने पर 15 से 20 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए।
बढ़िया है मुनाफा
बता दें लाल भिंडी को लगाने में ज्यादा लागत नहीं आती है। बाजार में इसकी बिक्री हरी भिंडी से ज्यादा कीमत पर होती है। मंडियों में लाल भिंडी तकरीबन 500 रुपये किलो तक बिकती है। इस हिसाब से किसान 1 एकड़ में लाल भिंडी की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।