लखीमपुर कांड में आरोपी अंकित दास के बयानों के बाद बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस का नोटिस मिलने के बाद अंकित सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचा। इस दौरान उसके साथ गनर लतीफ उर्फ काले भी था।
पूछताछ में अंकित ने बताया कि वारदात से कुछ समय पहले ही राईस मिल पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भईया मिले थे। उन्हें जब प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में उस दौरान बताया तो उन्होंने कहा था कि चलो उन्हें सबक सिखाते हैं। हालांकि घटनास्थल पर और थार जीप में आशीष की मौजूदगी के सवाल पर अंकित और काले ने चुप्पी साध ली।
अंकित ने बताया कि वारदात के दिन मैं डिप्टी सीएम केशव मौर्या को रिसीव करने गया था। उसने बताया कि थार के पीछे मैं काली फार्च्यूनर में था जिसे शेखर भारती चला रहा था। उसने बताया कि आगे चल रही जीप किसानों को कुचलते हुए आगे निकल गई।
अंकित ने बताया कि किसानों को कुचलने के बाद जीप पलट गई। जीप को हरिओम मिश्रा चला रहा था। इसके बाद भीड़ ने हमला कर दिया। अंकित ने कहा कि हम घबरा गए थे और गाड़ी से उतर कर मैंने और काले ने भीड़ पर फायरिंग की। इसके साथ ही मौके से भाग निकले। वहीं काले ने बताया कि वो करीब दस साल से अंकित दास के बॉडीगार्ड और गनर का काम कर रहा हूं।
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काले ने बताया कि आगे चल रही थार गाड़ी को हरिओम चला रहा था और उसके पायदान पर दो लोग खड़े थे। वहीं जिस गाड़ी में अंकित था उसे शेखर भारती चला रहा था। काले ने बताया कि अंकित के पास पिस्टल और उसके पास रिपीटर गन है। काले ने भी बताया कि किसानों के घिरने पर उसने उन पर फायरिंग की थी। अब पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस अंकित और काले से मोबाइल व हथियार बरामद करेगी।