Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

पिथौरागढ़ में भूस्खलन से मची भारी तबाही, कई गांवों से टूटा संपर्क

Landslide

पिथौरागढ़ में भूस्खलन से मची भारी तबाही

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। पहाड़ दरकने के साथ पत्थर गिर रहे हैं। पिथौरागढ़ में आई प्राकृतिक आपदा के चलते जिले का एक बड़ा हिस्सा राज्य के दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट चुका है। मुनस्यारी से कुछ दूर लूमती के पास रोड का 500 मीटर से ज्यादा हिस्सा गौरी नदी के प्रवाह के साथ बह गया।

बरम गांव के पास इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुल भी अब खतरे की जद में आ गया है जिसके चलते वाहनों की आवाजाही भी ठप पड़ गई है। लुमती गांव के पास पिछले दिनों सैलाब ने ऐसी तबाही मचाई कि गांव के गांव अब उत्तराखंड के दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट चुके हैं। कई गांव पर नदी के साथ बह जाने का खतरा मंडरा रहा है। नदी के दूसरे हिस्से पर गांव के कई घर नदी की धारा के बेहद करीब आ गए हैं।

गांव के निवासी भूपेंद्र बताते हैं कि पिछले साल आई लैंड स्लाइड के जमा मलबे के चलते यहां गौरी नदी के पास एक प्राकृतिक बांध बन गया था जो इस साल बरसात के साथ टूट गया। लूमती और मोरीगांव के बीच चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ मलबा बिखरा पड़ा है। लकड़ियों के बड़े-बड़े टुकडे, नदी का प्रवाह, पत्थर और बर्बादी की तस्वीर इस आपदा के केंद्र पर साफ दिखाई पड़ती है। कई लोग सुरक्षित जगहों तक पहुंचने के लिए रिस्क उठा रहे हैं।

मोरीगांव से आगे दूसरे गांव में भी लैंडस्लाइड के चलते लोग घरों से निकल गए हैं। यहां रहने वाली जानकी देवी कहती हैं कि राशन पानी खत्म होने को आया है अभी तक कोई मदद नहीं पहुंची है। ऐसे में यहां रहना सुरक्षित नहीं है इसलिए हम सब निकल कर दूसरी जगह जा रहे हैं।

बता दें कि पिथौरागढ़ की मोरी गांव में पिछले साल भी बाढ़ आई थी। जिसका मलबा आज भी दिखाई पड़ता है। गांव के ज्यादातर लोग घर छोड़कर जा चुके हैं। गांव में व्यास सिंह और एक और शख्स बचा है जो अपने खेतों की रखवाली के लिए यहीं रह गए हैं। व्यास सिंह बताते हैं जब 18 तारीख के बाद गौरी नदी का पानी अपने सीमा तोड़ कर ऊपर बढ़ा तो गांव में भी पानी घुस आया और लोग डर के मारे ऊपरी इलाकों में जान बचाने के लिए चले गए। उनकी चिंता इस बात को लेकर के है कि जब आपदा हर साल आती है तो आखिर उन्हें सुरक्षित जगह पर विस्थापित क्यों नहीं किया जाता।

मॉनसून की पहली लहर में ही सबसे ज्यादा असर पिथौरागढ़ जिले में हुआ है। मुंसियारी और पिथौरागढ़ को जोड़ने वाला ऑल वेदर रोड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही लैंडस्लाइड के चलते आगे की कई गांवों और सड़कों पर खतरा है।

Exit mobile version