Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

गांव, गरीब, किसान का उतना विकास नहीं हुआ, जितना चुने हुए जनप्रतिनिधियों का हुआ : मतदाता

by elections 2020

उत्तर प्रदेश में देवरिया विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार के अंतिम दिन रविवार को सभी दलों के प्रत्याशियों ने मुकाबले को अपने पक्ष में करने के लिये पूरी ताकत झोंक दी है।

भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के बाद यहां हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी को,बसपा ने लेखपाली की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा करने को आतुर अभय नाथ त्रिपाठी को और कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि को मैदान में उतारा है।

आज से बदल गया LPG बुकिंग का नंबर, जानिए अब किस नंबर पर करना है संपर्क

देवरिया के विकास को लक्ष्य मानकर चुनाव लड़ रहे सारे रणबांकुरों का यही कहना है कि अगर जनता ने आशीर्वाद दिया तो वे यहां विकास की गंगा को बहाने का कार्य करेंगे। यह बात दीगर है कि चुनाव जीतने के बाद समय बतायेगा कि ये किस प्रकार के विकास की गंगा बहायेंगे।

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मतदाताओं को रिझाने के लिये सपा प्रत्याशी ब्रह्माशंकर तिवारी आज करीब हजारों लोगों के हुजुम के साथ यहां पदयात्रा की है। कांग्रेस प्रत्याशी मुकुंद भाकर मणि भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ शहर में भ्रमण किये हैं। बसपा उम्मीदवार अभय नाथ त्रिपाठी भी दर्जनों चार पहिया वाहनों का हजुम लेकर मतदाताओं को किसी अन्य उम्मीदवारों से अपने को कम न आंकते हुये शहर में भ्रमण किये हैं। उम्मीदवारों द्वारा शहर में अपने अपने लाव लश्कर लेकर निकलने से जाम की स्थिति बन गई थी।

इन सब के बीच भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार को एक रणनीति के तहत अपने चुनाव प्रचार को गति दे रही है।भाजपा संगठन का मानना है कि उनके कार्यकर्ता उनके मूल हैं। भाजपा का मानना है कि बूथ जीता तो चुनाव जीता के नारे पर उनके कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं और ये कार्यकर्ता गांव-गांव में जाकर केन्द्र और प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताकर मतदाताओं का आशीर्वाद अपने प्रत्याशी सत्य प्रकाश मणि के लिये मांग रहे हैं।

देवरिया शहर के एक मतदाता नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वह जबसे होश संभाला है,तब से सारे राजनीतिक दल अपने भाषण में गांव,गरीब और किसान को केन्द्र में रखकर उनके विकास की बात करने की बात कहते आये हैं। उनका कहना था कि गांव,गरीब और किसान का उतना तो विकास नहीं हो सका जितना विकास चुने गये जनप्रतिनिधियों का हुआ है।

Exit mobile version