केवड़िया। सरदार पटेल के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को सी-प्लेन सेवा की सौगात दी है। प्रधानमंत्री ने साबरमती फ्रंट तक इस विमान से यात्रा भी की।
बता दें कि इस विमान में 19 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। लगभग 200 किलोमीटर की दूरी को सी-प्लेन के जिरए लगभग 40 मिनट में तय किया जा सकेगा।
अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट और केवडिया में मौजूद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बीच यह सी-प्लेन सेवा की शुरुआत हुई है। बता दें कि यह देश की पहली सी-प्लेन सर्विस है। बता दें कि सी-प्लेन कई मायनों में खास होता है। ये हल्का होता है और कम ईंधन में उड़ान भर सकता है। हर एक घंटे की उड़ान के लिए लिए ये सिर्फ 272 लीटर पेट्रोल खर्च करता है।
हर उड़ान की समय अवधि करीब 30 मिनट होगी
गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट और केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बीच आज से शुरू हुई सी-प्लेन सेवा का संचालन स्पाइसजेट की सहयोगी कंपनी करेगी। स्पाइसजेट रोजाना दो सीप्लेन उड़ानों का संचालन करेगी। सी-प्लेन विमानों का संचालन स्पाइस जेट की सहयोगी कंपनी स्पाइस शटल करेगी। हर उड़ान की समय अवधि करीब 30 मिनट होगी।
जानें कैसे बुक कर सकेंगे टिकट?
एयरलाइंस की तरफ से बताया गया कि उड़ान योजना के तहत एक तरफ का किराया 1500 रुपये से शुरू होगा। इसका टिकट 30 अक्टूबर के बाद से स्पाइस शटल की वेबसाइट से लिया जा सकेगा।
क्या है उड़ान योजना?
उड़ान योजना के तहत केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों द्वारा तय एयरलाइनों को वित्तीय मदद दी जाती है। ताकि जिन हवाई अड्डों से संचालन नहीं होता। वहां से उड़ानों को प्रोत्साहित किया जा सके। उड़ान के तहत विमानों में करीब आधी सीटें सब्सिडी किराये पर पेशकश की जाती है।
19 यात्री कर सकेंगे सफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विन ऑट्टर 300 सी-प्लेन अहमदाबाद रिवर फ्रंट पहुंच चुका है। इसका वजन 3,377 किलो है। इसमें 1,419 लीटर तक ईंधन भरा जा सकता है। इस प्लेन में 19 यात्री सफर कर सकते हैं। पीटी61-32 इंजन वाले इस विमान को उड़ान के दौरान प्रति घंटे 272 लीटर ईंधन की जरूरत होती है।
जानें क्या है सी-प्लेन की खासियत?
- सी-प्लेन की सबसे खास बात यह है कि यह पानी और जमीन दोनों जगह से उड़ान भर सकता है। दोनों ही जगह इसे लैंड कराया जा सकता है।
- सी-प्लेन को उड़ान भरने के लिए ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती है। यह 300 मीटर लंबे रनवे से ही उड़ान भर सकता है। इस वजह से सी-प्लेन के जरिए नदी और तालाबों से भी उड़ान भरा जा सकता है। इसके लिए सिर्फ फ्लोटिंग जेट्टी की जरूरत होती है।
- सी-प्लेन की शुरुआत से भारत के हर कोने में हवाई सेवा संभव हो सकेगी। जहां पर एयरपोर्ट नहीं हैं, वहां भी यह आसानी सेवा दे सकता है इससे पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।
- सी-प्लेन सेवा के लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है। यह समुद्र, तालाब और नदी में लैंड करने की क्षमता रखता है, जिससे छोटे शहरों में भी हवाई सेवा की शुरुआत संभव हो सकेगी। कनाडा में सी-प्लेन सेवा सबसे अधिक है।
- सी-प्लेन का इस्तेमाल समुद्री बचाव अभियान और जंगलों की आग बुझाने में भी किया जा सकेगा।
- यह अन्य विमानों के मुकाबले काफी कम ऊंचाई पर उड़ सकता है।