लाइफस्टाइल डेस्क। हमें बचपन से यह बात बताई जाती रही है कि स्वास्थ्य ही धन है। बचपन से अबतक जिसने इसे गंभीरता से न भी लिया होगा, वह भी इस कोरोना काल में यह समझ गए होंगे कि सचमुच स्वास्थ्य ही धन है। सर्दी, खांसी, बुखार वगैरह होने के कई कारण होते हैं। बीमारी बैक्टीरिया जनित हो या भी फिर वायरस जनित… अगर हमारी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे तो हम कम बीमार पड़ते हैं। आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी जीवनशैली कैसी है। आपकी रोजमर्रा की कौन सी आदतें अच्छी हैं और कौन सी बुरी, इसके प्रति सजग रहना चाहिए।
चिकित्सक और विशेषज्ञ बताते हैं कि अच्छी जीवनशैली के बगैर मजबूत इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता संभव नहीं हो सकती है। जीवनशैली केवल आपका खानपान, एक्टिविटी या नींद तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आपके काम, आसपास का वातावरण, पर्यावरण और समाज के प्रति आपकी सजगता भी है। प्रतिरोधक क्षमता का मतलब है कि आपके अंदर प्राकृतिक रूप से आत्मरक्षा प्रणाली मौजूद है जो आपको इस नोवल कोरोना वायरस समेत सभी तरह के विषाणुओं से बचाए रखने में मददगार है।
दरअसल आपकी अच्छी-बुरी आदतें आपकी जीवनशैली का हिस्सा होती हैं:
- व्यक्तिगत स्वच्छता और वातावरण
- आपका खानपान और खाने-पीने का तरीका
- आपकी एक्टिविटी यानी सक्रियता
- आपका उठना-बैठना, चलना-फिरना, सोना आदि
- यानी कहा जा सकता है कि हमारी जीवनशैली और इम्यूनिटी में गहरा संबंध है।
- अच्छी जीवनशैली के बगैर हमारी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है।
- ऐसे में हम कोरोना वायरस या फिर अन्य वायरल बीमारी की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।
- ज्यादा तला-भुना भोजन करने से काॅलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ता है और इस कोरोना संक्रमण काल में ब्लड में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है और स्थिति गंभीर हो सकती है।
- तला भोजन, जंक फूड, सिगरेट, तंबाकू, शराब आदि से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- चिकित्सक बताते हैं कि अगर कोई लंबे समय से धूम्रपान करता आ रहा है, तो उसके फेफड़ों की कार्य क्षमता घट जाती है। ऐसे में कोरोना का हल्का संक्रमण भी उसके लिए गंभीर मुसीबत बन सकता है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, स्वच्छता हमारी जीवनशैली का बड़ा हिस्सा है। हाथ नहीं धोने, स्वच्छ नहीं रहना, जहां-तहां थूकना, कचरा करना, कूड़ा फेंकना आदि वायरस प्रसार और संक्रमण फैलने का कारण बनता है।
पिछले कुछ दिनों में राहत भरी स्थिति देखने को मिली है कि बड़ी तादाद में लोग कोरोना संक्रमण से रिकवर हो रहे हैं। लेकिन यह गलत होगा अगर वे मास्क का इस्तेमाल करना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और सफाई बरतना छोड़ दें। डॉ. श्यामसुंदर सिंह बताते हैं कि यह गलत धारणा बनी हुई है कि संक्रमण से उबरने के बाद वे हमेशा के लिए इससे बचे रह सकते हैं। लापरवाही किसी को भी भारी पड़ सकती है।
इन बातों का ध्यान रखें
- प्रतिरोधक क्षमता एंटीबाॅडीज डेवलप होने से संबंधित है, लेकिन कुछ लोगों में देखा गया है कि लंबी अवधि तक इम्यूनिटी विकसित नहीं हुई है।
- कुछ अध्ययनों में बताया जा चुका है कि संक्रमण से उबरने के बावजूद लोगों में दोबारा से कोविड के लक्षण देखे गए हैं। कुछ मामले भारत में भी देखे गए हैं।
- लोग मास्क नहीं इस्तेमाल कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई नहीं बरत रहें तो ऐसे में संक्रमण का खतरा पैदा कर रहे हैं।