लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के आगामी सत्र से पहले दोनों सदनों के सभी सदस्यों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण की दर में काफी गिरावट होने के बावजूद अब भी हर स्तर पर पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि विधान मण्डल के आगामी सत्र से पूर्व सभी सदस्यों एवं कार्मिकों का कोविड-19 परीक्षण कराया जाए। बता दें कि राज्य विधानमंडल का सत्र आगामी 18 फरवरी को शुरू हो रहा है। योगी ने कहा कि राज्य में कोविड-19 जांच कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन में कहीं ढिलाई न होने पाए। उनके अनुसार संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क वाले लोगों की पहचान का कार्य सतत जारी रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत आगामी चार और पांच फरवरी को स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण का काम पूरा किया जाए। योगी के अनुसार उसके बाद कोरोना अग्रिममोर्चा कार्मिकों का टीकाकरण किया जाना है इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां समय से सुनिश्चित कर ली जाएं।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 4 फरवरी को पूरे प्रदेश में 1,600 स्थानों पर कोविड वैक्सीन टीकाकरण का काम किया जाएगा। 5 तारीख को फिर से स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। उसी दिन फ्रंटलाइन वर्कर्स का भी टीकाकरण शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 197 नए मामले सामने आए हैं। उपचार के बाद डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 431 है। सक्रिय मामलों की कुल संख्या घटकर 4,765 रह गई है। कोरोना से अब तक 8,674 लोगों की मृत्यु हुई है।







