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पूर्व पार्षद की हत्या में अधिवक्ता सहित चार को आजीवन कारावास

Life Imprisonment

life imprisonment

मुरादाबाद। मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के 14 वर्ष पहले क्षेत्र की धर्मशाला की दुकानों के विवाद में हुई पूर्व पार्षद राजकुमार की हत्या में शनिवार को निर्णय आया। मामले में दोषी सिद्ध हुए मुलजिम अधिवक्ता, उसके दो भाइयों और एक भतीजे को एडीजे-11 न्यायालय ने आजीवन करावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है, जबकि प्रत्येक पर एक लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। धर्मशाला की दुकानों के विवाद में पूर्व पार्षद की गोली मारकर हत्या की गई थी।

नागफनी थानाक्षेत्र के बंगला गांव निवासी कृष्ण कुमार ने 30 अप्रैल 2008 को नागफनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि उसके चाचा आमोद कुमार साईं अस्पताल में भर्ती थे। जिन्हें देखने के लिए वह अपने पिता राजकुमार (पूर्व पार्षद), मां राजकुमारी और अन्य परिजन के साथ अस्पताल गया था। देर शाम करीब आठ बजे हम सभी लोग लौट कर आ रहे थे। रिक्शा अभी बंगला गांव में चार खंबा रोड पर पहुंचा था। इसी दौरान सतवीर कुमार, पवित्र कुमार (अधिवक्ता), मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू पुत्र रतन लाल और पंकज उर्फ अमित, बाबी पुत्र सतवीर पहले से घात लगाकर बैठे थे। जिन्होंने हमें देखते ही फायरिंग शुरू दी थी। गोली लगने से पूर्व पार्षद और उनकी पत्नी घायल हो गई थी।

दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राजकुमार की हालत गंभीर होने पर दिल्ली रेफर कर दिया गया था, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

इस मामले में विवेचक ने विवेचना कर पवित्र कुमार, मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू, पंकज उर्फ अमित, सतवीर, बाबी और शिव चरण के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश की थी। आरोपितों में बाबी और सतवीर की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी। आरोपित शिव चरण की पत्रावली अलग कर दी गई। शेष चार आरोपितों के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहित शर्मा की अदालत में की गई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया आरोपितों का कहना था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। संपत्ति विवाद के कारण उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई गई थी। सरकार की ओर से मधुरानी ने पक्ष प्रस्तुत किया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिवक्ता पवित्र कुमार, उसके भाई मिलन कुमार, अनिल उर्फ बबलू और भतीजे पंकज उर्फ अमित को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर एक लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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