बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की एक अदालत ने सोमवार को एक दलित की हत्या (Murder) के आरोप में पिता पुत्र समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) व जुर्माने की सजा सुनाई।
लोक अभियोजक डॉक्टर महेंद्र कुमार द्विवेदी एवं विमल कुमार सिंह ने बताया कि मरका थाना क्षेत्र के देवरार गांव में 10/11 जुलाई वर्ष 2002 की रात्रि जमीनी रंजिश के चलते सूरज बली व उसके पुत्र लंबरी उर्फ शिवमंगल यादव ने सहयोगी सत्यदेव यादव के साथ मिलकर गांव के ही दलित भुलुआ पुत्र रघुवीर चमार की उस समय गोली मार कर हत्या कर दी थी जब वह अपने दरवाजे में चारपाई पर अपने पुत्र के साथ सो रहा था।
परिजनों की तहरीर पर घटना का मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू की। विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। जहां दौरान मुकदमा अभियोजन पक्ष ने पांच साक्ष्य पेश किया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय/ विशेष न्यायाधीश एससी /एसटी एक्ट अनु सक्सेना की अदालत ने पक्ष- विपक्ष की दलीलों और पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर पिता सूरज बली व पुत्र लंबरी उर्फ शिव मंगल यादव और सत्यदेव यादव तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) और 90- 90 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई।