हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान सरसों के तेल या देशी घी का दीपक ( Deepak) जलाने की एक विशेष परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। आपने अक्सर देखा होगा कि लोग शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर शाम को दीपक क्यों जलाया जाता है और इससे किस प्रकार के फायदे होते हैं? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
दीपक ( Deepak) कब जलाना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर शाम के समय दीपक ( Deepak) जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। क्योंकि गोधूलि बेला में धन की देवी मां लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है। इसलिए दीपक जलाना चाहिए।
मुख्य द्वार पर शाम को दीपक ( Deepak) जलाने के लाभ:
नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर शाम को दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसा माना जाता है कि नकारात्मक ऊर्जा होने से तनाव और घर में लड़ाई-झगड़ा बढ़ता है।
कर्ज से मुक्ति मिलती है: यदि आप जीवन में कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। इससे कर्ज जल्दी खत्म होता है और परिवार के सदस्यों को बीमारी से राहत मिलती है।
राहु के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है: संध्याकाल में घर के प्रवेश द्वार के दाहिने ओर तेल या घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे राहु के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
पारिवारिक कलह दूर होते हैं: अष्टमुखी दीपक को आठ दिव्य दिशाओं का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के मुख्य द्वार पर जलाने से घर में शांति बनी रहती है और पारिवारिक कलह दूर होते हैं।