मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) के दिन मौन व्रत, पितरों तर्पण और पिंडदान करने से पित्तर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा इस दिन दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति होती है। इस साल मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा। ऐसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए दीपदान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) बुधवार, 29 जनवरी को हैं। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू हो रहा है। ये ब्रह्म मुहूर्त 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में इसी मुहूर्त में स्नान और दान करना शुभ रहेगा।
दीपक जालाने का मुहूर्त
मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) पर पितरों के लिए दीपक सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है। इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट तक हैं। इस दौरान पितरों के लिए दीपक जलाना शुभ फलदायी होता है।
कहां जलाएं दीपक?
मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) के पर पितरों के लिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए, क्योंकि इसे पित्तरों की दिशा मानी गई है। कहते हैं इस दिशा में दीपक जलाने से पित्तर प्रसन्न होते हैं।
दीपक जलाने की विधि
मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) पर सूर्यास्त के बाद मिट्टी के दीपक को पानी से धोकर साफ कर लें। उसमें सरसों या तिल का तेल डाल लें और बाती लगाकर जलाएं। दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें। दीपक को पूरे रात जलने दें। इसके अलावा अगर घर में पितरों की तस्वीर है, तो उसके सामने भी एक दीपक जला सकते हैं।