बाड़मेर के युवक पर जानलेवा हमला और पैरों में कील गाड़ने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लेकर आयोग अध्यक्ष न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण व्यास ने संबंधित अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आयोग ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक, बाड़मेर कलेक्टर एवं एसपी और आबकारी आयुक्त को नोटिस जारी कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण व्यास ने इस संबंध में नोटिस जारी किए हैं। परिवादी ओमाराम बंजारा की ओर से प्रार्थना पत्र देकर बताया गया था कि ग्राम पंचायत परेऊ, तहसील गिडा, बाड़मेर के रहने वाले अमराराम गोदारा पर क्रूरता पूर्वक हमला हुआ है।
इस हमले में अपराधियों एवं पुलिस की मिलीभगत शामिल थी। अमराराम गोदारा ने कुछ समय पूर्व पंचायती राज विभाग में गड़बडियों एवं एक्साइज विभाग के अवैध शराब माफिया को लेकर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत पर कुछ जगह कार्रवाई हुई भी, लेकिन पूरी कार्रवाई से पहले ही अमराराम गोदारा पर जानलेवा हमला हो गया। हमला बहुत ही क्रूरता पूर्ण हुआ।
बदमाशों ने अमराराम गोदारा को मारा पीटा और उसके पैरों में कीलें गाड़ दी। परिवादी ने मांग की थी कि पुलिस और प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई करे और अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में प्रसंज्ञान लेकर महानिदेशक पुलिस, आयुक्त आबकारी विभाग, जिला कलेक्टर बाडमेर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 28 दिसंबर तक तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि पीड़ित अमराराम गोदारा के पैरों में कीलें गाड़ने वाले अपराधियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई। साथ ही यह भी बताए कि सड़क माफिया एवं शराब माफिया में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध आज तक पुलिस ने क्या-क्या कादम उठाए हैं।
आयोग ने आबकारी विभाग के आयुक्त से पूछा कि जब पीड़ित ने जिला आबकारी विभाग बाड़मेर में अवैध शराब माफिया के खिलाफ शिकायत की तो आबकारी विभाग ने क्या-क्या कार्रवाई की। आयोग ने बाड़मेर जिला कलेक्टर से कुम्पालिया ग्राम पंचायत में ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य के संबंध में गिडा विकास अधिकारी को पीड़ित की ओर से सौंपे गए ज्ञापन और पीड़ित की ओर से पंचायती राज विभाग में गड़बड़ियों के संबंध में की गई शिकायत पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।