बांदा। जिले में मतदान प्रतिशत भले ही पिछले विधानसभा का रिकार्ड न तोड़ पाया हो पर शराब (Liquor) नें धमाल मचाकर बिक्री का कीर्तिमान बनाया। ‘ठर्रा’ हो या ’रम’ खूब पी गई। जैसा प्रचारक का व्यक्तित्व वैसी शराब परोसी गई । प्रचार के माहौल में पियक्कड़ों की चांदी रही । चुनावी माहौल के पहले पखवारे में ही करीब 27.46 करोड़ मिलीलीटर शराब पी डाली गई। इसकी कीमत सवा सात करोड़ रुपये से ज्यादा है। गैर चुनाव के दिनों से शराब खपत का यह आंकड़ा दोगुना है। सबसे ज्यादा बयार बीयर की बही। पूर्व के 10 दिन में 51.79 लाख रुपये की 7.39 करोड़ मिलीलीटर बीयर गटक ली गई।
शराब खपत के आबकारी विभाग के ताजा आंकड़े साफ दर्शा रहे हैं कि चुनावी माहौल में पूरी दम से दारू चली है।
चुनाव से पहले एक हजार लीटर अवैध देसी शराब के साथ दो गिरफ्तार
जिले में चुनाव बाद शराब की बिक्री के जो आंकड़े सुनने में आए हैं, वह हैरत वाला है। पिछले वर्ष फरवरी के पहले पखवारे से यह दोगुना ज्यादा है। आबकारी विभाग का राजस्व भी छलांग लगाकर बढ़ गया है।
शराब और चुनाव के बीच वैसे भी चोली-दामन जैसा साथ है। हर चुनाव में यह खूब परवान चढ़ती है। यह परंपरा मौजूदा विधान सभा चुनाव में भी बरकरार रही । चुनाव प्रचारकों से लेकर मतदाता तक प्रत्याशियों आदि से गुपचुप मिल रही मुफ्त शराब के जाम छलकाये । विभिन्न श्रेणियों की शराब खपत के आबकारी विभाग के ताजा आंकड़े साफ दर्शा रहे हैं कि चुनावी माहौल में पूरी दम से दारू चली है।
चुनाव में बांटी जानी थी एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई 60 लाख की शराब
मतदान के पूर्व तक शराब की बिक्री के जो आंकड़े आए हैं, वह हैरान कर देने वाले हैं। पिछले वर्ष से यह ढाई गुना ज्यादा है। आबकारी विभाग का राजस्व भी जंबो उछाल लगाकर बढ़ गया । चालीस करोड़ का बिक्री आंकड़ा पार कर गया हैं।