राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते हालात में सुधार नहीं होने के चलते राज्य सरकार सूबे में लगे लॉकडाउन को और एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। सीएम केजरीवाल ने इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमने विचार करने के बाद इस यह फैसला लिया है।
बता दें कि दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 32% से ऊपर चल रहा है, ऑक्सीजन का संकट बना हुआ है, बेड्स की भी किल्लत है जिसके चलते फ़िलहाल सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। इससे पहले 19 अप्रैल की रात 10:00 बजे से दिल्ली में लॉकडाउन शुरू हुआ था, 26 अप्रैल की सुबह 5:00 बजे तक मौजूदा लॉकडाउन की अवधि है।
दिल्ली में बीते शनिवार को 24 घंटे में कोरोना के 24,103 नए मामले सामने आए। चिंता की बात ये रही बीते 24 घंटे में दिल्ली में रिकॉर्ड 357 मौतें हुईं। ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इतना ही नहीं, दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 32.27% हो गया। फिलहाल राजधानी में 93,080 मरीजों का इलाज चल रहा है। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली में 348 मरीजों की मौत हुई थी।
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छह दिन के लॉकडाउन के फैसला के समय दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे संक्रमण के मामलों में कमी आएगी और स्वास्थ्य संसाधनों को तैयार करने का मौका मिलेगा लेकिन छह दिन के लॉकडाउन के बाद भी राजधानी में कोरोना के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शनिवार को देश के सभी राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने पत्र लिख कर सभी से अपील की है कि अगर उनके पास अतिरिक्त ऑक्सीजन है, तो दिल्ली को उपलब्ध कराएं।
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पिछले कुछ दिनों में कोरोना के गंभीर मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। उन्होंने कहा कि कृपया इसे अति गंभीर समझें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली की काफी मदद कर रही है, लेकिन कोरोना की गंभीरता ऐसी है कि सभी उपलब्ध संसाधन अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।