लखनऊ। लोहिया संस्थान में दोबारा जॉइनिंग के एक ही हफ्ते में डायरेक्टर डॉ एके त्रिपाठी के इस्तीफा देने से अस्पताल से लेकर सत्ता तक के गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है। हालांकि प्रोफेसर त्रिपाठी इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत व पारिवारिक कारणों को वजह बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार अस्पताल की आंतरिक राजनीति से वह बहुत ज्यादा आहत हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। राज्यपाल ने शनिवार को उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है।
प्रोफेसर डॉक्टर ए के त्रिपाठी ने 14 नवंबर को दीपावली के दिन दोबारा डायरेक्टर का पद संभाला था। इससे पहले उनके ऊपर एक पुराने मामले में आरोप लगने से शासन ने हटा दिया था। इस मामले में जांच भी बैठाई गई थी। बताया जा रहा है कि जांच में डॉक्टर त्रिपाठी को निर्दोष पाए जाने पर राज्यपाल के यहां से 13 नवंबर की देर शाम दोबारा उन्हें डायरेक्टर के पद पर ज्वाइन करने का आदेश जारी हुआ था। आदेश जारी होने के बाद अगले दिन 14 नवंबर को उन्होंने दोबारा ऑफिस ज्वाइन कर लिया था। ज्वाइनिंग के तत्काल बाद वह एक्शन मोड में भी थे। उन्होंने इमरजेंसी से लेकर न्यूरोलॉजी, ऑंकोलॉजी जैसे विभागों में मरीजों की परेशानियों में व्यापक सुधार के निर्देश व बेड बढ़ाने एवं नए मेडिकल काउंटर खोलने का निर्देश भी दिया था। अब अचानक उनके इस्तीफा दे देने से हर कोई अवाक रह गया है।
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प्रोफेसर डॉ ए के त्रिपाठी का कहना है की इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत वजह है। पारिवारिक कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है। अपने अगले प्लान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पूर्व में वह केजीएमयू में हिमेटोलॉजी के विभागाध्यक्ष रहे हैं। दोबारा वहीं पर जॉइनिंग करने का विचार बना रहे हैं। फिलहाल प्रो त्रिपाठी के दायित्वों का प्रभार अभी तक किसी अन्य को नहीं दिया गया है। जल्द ही इस बारे में नया आदेश जारी हो सकता है।