जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा महोत्सव से पूर्व भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath ) , देवी सुभद्रा (Devi Subhadra) और भगवान बलभद्र (Lord Balbhadra) का जलाभिषेक किया गया। भगवान ने सहस्त्रधारा के 108 जल से भरे घड़ों से स्नान किया। अधिक देर तक स्नान के कारण वह अस्वस्थ हो गए हैं। अब वह 15 दिन तक विश्राम करेंगे। इसके बाद 1 जुलाई को रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
हिंदू मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) का जल और विभिन्न फलों के रस आदि से महाभिषेक किया जाता है। अधिक स्नान के कारण बीमार पड़ जाने पर भगवान जगन्नाथ विश्राम (क्वारंटाइन) में चले जाते हैं।
यहां करीब 15 दिन आयुर्वेद पद्धति से ठाकुर जी का उपचार किया जाता है। उपचार के पश्चात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को रथयात्रा के रूप में नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन देते हैं।
जल और जड़ी बूटियों से भगवान का महाभिषेक
परिक्रमा मार्ग में जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए रथयात्रा महोत्सव के तहत सहस्त्रधारा स्नान महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें महंत ज्ञानप्रकाश पुरी महाराज द्वारा विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण एवं घंटा घड़ियाल की गूंज के बीच ठाकुर जी का शाम को फलों के रस, जल एवं जड़ी बूटियों से महाभिषेक किया।
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15 दिन के बाद दर्शन कर सकेंगे भक्त
महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश ने बताया कि लगभग 15 दिनों के पश्चात ठाकुर जी के स्वस्थ हो जाने पर भक्तों को उनके दर्शन का लाभ मिलेगा। ग्राम राजपुर परिक्रमा मार्ग स्थित विश्रामवट जगन्नाथ मंदिर के महंत भक्ति प्रदीप परिजातक महाराज ने बताया कि मंगलवार सुबह को भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया गया। 30 जून शाम को भगवान जगन्नाथ स्वस्थ्य होकर दर्शन देंगे।